
♦सिर्फ एक घंटे में जांच के नतीजे आ जायेंगे सामने
♦कहीं भी ले जायी जा सकेगी मशीन
New Delhi : इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी) खड़गपुर ने कोरोना वायरस की जांच करने के लिए एक ऐसी मशीन का निर्माण किया है, जिसमें जांच के नतीजे सिर्फ एक घंटे में ही प्राप्त किये जा सकते हैं. साथ ही साथ यह जांच काफी सस्ता भी है. जांच की कीमत सिर्फ 500 रुपये है. जहां अभी निजी लैबों में जांच के लिए 1100 रुपये लिये जा रहे हैं.


आइआइटी खड़गपुर ने बुधवार को इसकी घोषणा की. इस मशीन का नाम कोविरैप रखा गया है. यह मशीन व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल करने के लिए तैयार है. आइसीएमआर और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कोलेरा एंड एथनिक डिजीज (एनआइसीईडी) ने इस मशीन का अनुमोदन किया है.


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कहीं भी ले जायी जा सकती है यह मशीन
कोविरैप एक आयताकार उपकरण है जो आकार में काफी छोटा भी है और इसे कहीं भी आसानी से ले जाया जा सकता है. इसका आकारा छोटा होने के कारण इसके इसके इस्तेमाल में काफी सुविधा होती है. खास कर ग्रामीण इलाकों में ले जाकर इससे जांच करने में काफी सुविधा होगी.
एक प्रेस कांफ्रेंस में आइआइटी खड़गपुर की वरीय वैज्ञानिक डॉ ममता चावला सरकार ने कहा कि हमने 200 पॉजिटिव और नेगिटिव सैंपल इकट्ठा किये थे. इस सैंपल की लेबलिंग के बाद हमने आरटीपीसीआर और कोविरैप दोनों में टेस्ट किये. शुरू में हमें नहीं लगा था कि नतीजे बहुत उत्साहजनक आयेंगे, पर जब हमने जांच की तो पता चला कि नतीजे 96 फीसदी तक स्पेसिफिक थे.
आइआइटी खड़गपुर के मैकेनिकल विभाग के प्रो सुमन चक्रवर्ती ने बताया कि यह एक माइक्रोफ्लूडिक पेपर बेस्ड सिस्टम है. इसमें पेपर का रंग यह दर्शाता है कि सैंपल निगेटिव है या पॉजिटिव.
इससे पहले आइआइटी दिल्ली ने भी कोरोश्योर नाम से एक जांच मशीन का निर्माण किया था. हालांकि जानकारों का कहना है कि कोविरैप और कोरोश्योर में काफी अंतर है. दोनों मशीनों की जांच का तरीका भिन्न है.
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जल्द शुरू होगा उत्पादन
आइआइटी खड़गपुर के निदेशक प्रो. वीके तिवारी ने कहा कि हमने जुलाई में ही इस मशीन के पेटेंट के लिए आवेदन दे दिया था. इसकी प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि हमारी कई निजी और सरकारी एजेंसियों से इसके मास प्रोडक्शन की बातचीत चल रही है और बहुत जल्दी ही इसका उत्पादन शुरू हो जायेगा.
प्रो तिवारी ने कहा कि इस मशीन की कीमत करीब 5 हजार रुपये आयेगी. इससे जांच की लागत 500 रुपये आ रही है. यदि सरकार चाहे और कुछ सब्सिडी दे तो इसकी लागत में और कमी आ जायेगी.
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