
Patna: बिहार में महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा, ये तस्वीर फिलहाल साफ नहीं है. और महागठबंधन में शामिल पार्टियां, अपनी डफली अपना राग वाली कहावत दोहरा रही है.
एक ओर जहां राजद ने पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के नाम की घोषणा की है. वहीं अब गठबंधन के नेतृत्वकर्ता के तौर पर सांसद शरद यादव का नाम सामने आया है.
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राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने गुरुवार को प्रस्ताव दिया कि दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव को इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के चेहरे के रूप में पेश किया जाए.




कुशवाहा की पसंद शरद यादव
चारा घोटाला मामले में रांची की जेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद की पार्टी राजद उनके छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव को इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एकतरफा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.
पर महागठबंधन में शामिल कुशवाहा ने गुरूवार को कहा, ‘लालू जी बाहर रहते तो ठीक है पर वह आज बाहर नहीं हैं तो स्वभाविक रूप से एक ऐसा चेहरा चाहिए और उसमें शरद यादव जी हैं और जहां तक मुख्यमंत्री की बात है तो मुख्यमंत्री कौन होगा वह तो फिर मिलकर तय होगा.’’
इस महागठबंधन में शामिल एक अन्य दल विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने शरद के बारे में कहा, ‘हमारे अभिभावक हैं. इनका पुराना 42 साल का अनुभव (राजनीतिक) है. जो भी राय, विचार देंगे निश्चित तौर पर हमलोग मानेंगे.’’
बता दें कि बिहार के मधेपुरा से सांसद रहे शरद यादव पूर्व में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जदयू के प्रमुख थे. उन्होंने कहा, ‘मुझे जो भी जिम्मेवारी सौंपी गयी हमेशा सेवा देने में खुशी हुई. सबके साथ आम सहमति बनाने के बाद चेहरा भी होगा. चेहरा क्यों नहीं होगा लेकिन बैठकर सभी लोग रास्ता और राह निकालेंगे.’
जदयू छोडने के बाद शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल बनाया और पिछले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन के सभी घटक दलों के सहयोग से मधेपुरा से चुनाव लड़ा था.
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उचित समय पर महागठबंधन का नेतृत्वकर्ता होगा तय- कांग्रेस
राजद के बाद महागठबंधन में दूसरे सबसे बड़े दल कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि गठबंधन के सभी सहयोगियों के साथ विचार-विमर्श के बाद नेतृत्व पर कोई निर्णय लिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा “नेतृत्व के सवाल को महागठबंधन के सभी घटक एक उचित समय पर संयुक्त रूप से तय करेंगे. लोग तब तक व्यक्तिगत राय व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र हैं.’’
गौरतलब है कि बिहार में पांच विधानसभा सीटों के लिए पिछले साल हुए उपचुनाव के दौरान सीटों के बंटवारे में अनदेखी से नाराज चल रहे महागठबंधन के एक अन्य घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी समन्वय समिति नहीं बनाए जाने पर महागठबंधन से बाहर निकलने की धमकी दे चुके हैं.
तेजस्वी का कोई विकल्प नहीं- राजद
वहीं राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा कि “तेजस्वी का कोई विकल्प नहीं है”.
राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता (तेजस्वी) मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर पसंद और योग्य हैं. शरद यादव एक राष्ट्रीय नेता हैं. उन्हें राज्य में विशिष्ट भूमिका तक सीमित नहीं किया जा सकता है.
उल्लेखनीय है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बिहार विधानसभा चुनाव में राजग के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में लडने की घोषणा कर चुके हैं, पर इस चुनाव में प्रदेश के विपक्षी महागठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा यह अभी महागठबंधन के घटक दलों के बीच अब तक तय नहीं हो पाया है.
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