
Jamshedpur : साकची थाना अंतर्गत काशीडीह के रहनेवाले कारोबारी धर्मेन्द्र सिंह की हत्या रुपयों के लेन-देन के विवाद में की गई या मामला रंगदारी का है या कुछ और ? हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस इस गुत्थी को सुलझाने में जुटी है. इस बीच हत्याकांड में पुलिस के हत्थे चढ़े विश्वजीत प्रधान ने जो बयान दिया है, वह फिलहाल पुलिस के ही शक के दायरे में है. हालांकि पुलिस मामले से जुड़े हर एक पहलू की गहन जांच कर रही है. उसके बाद ही इस सनसनीखेज कांड को लेकर किसी ठोस नतीजे पर पहुंचने की बात कही जा रही है.
आरोपी का बयान-बाइक से आए दो युवकों ने की हत्या
पुलिस को दिए गए बयान में आरोपी विश्वजीत प्रधान ने धर्मेन्द्र सिंह की हत्या उसके (आरोपी के) सिदगोड़ा के वर्कर्स फ्लैट नंबर 169 में करने की बता कही है. उसके मुताबिक अक्सर परिवार के लोगों के नहीं रहने पर धर्मेंद्र किसी न किसी लड़की को लेकर वहां आता था. उसने धर्मेन्द्र से रुपये भी ले रखे थे, जबकि उससे उसकी पुरानी दोस्ती थी. ऐसे में वह इस मामले में किसी तरह का ऐतराज भी नहीं कर पाता था. गुरुवार की दोपहर भी धर्मेंद्र उसके फ्लैट में एक लड़की को लेकर पहुंचा. उसके थोड़ी देर बाद एक बाइक पर दो युवक आए और उसके फ्लैट में पहुंचे. इसमें एक युवक संभवतः लड़की का पति था. उसके फ्लैट में पहुंचते ही धर्मेन्द्र से उनका विवाद शुरू हो गया. उसी बीच युवक ने धर्मेन्द्र के सिर पर बैट से जोरदार वार कर दिया. इससे धर्मेन्द्र की मौके पर ही मौत हो गई. उसके बाद दोनों युवकों ने उसे भी डराया-धमकाया. उन्हें कार चलानी नहीं आती थी, इसलिए उसने क्रिकेट के किट बैग में धर्मेंद्र का शव डालकर उसे कार की डिक्की में रखा और रात करीब ग्यारह बजे सड़क पर निकल पड़ा. फिर कदमा के डीबीएमस स्कूल के पास पुलिस ने कार और शव समेत उसे धर-दबोचा.
धर्मेन्द्र के बेटे ने कहा-पिता का अपहरण कर मांगे गए थे रुपये
इधर, इस पूरे मामले में धर्मेन्द्र सिंह के बेटे गोलू का कहना है कि उनके पिता का अपहरण कर रुपये मांगे गए थे. उसके मुताबिक गोलमुरी जाने की बात गुरुवार को ग्यारह पिता घर से निकले थे. फिर फोन कर उन्होंने राहरगोड़ा जाने की बात बताते हुए एक बजे तक घर आने की बात कही थी. उसके बाद भी देर तक जब वे घर नहीं पहुंचे तो उसकी मां ने पिता के नंबर पर फोन किया. उस समय फोन स्वीच ऑफ बता रहा था. उसके काफी देर बाद फोन करने पर फोन तो लगा, लेकिन फोन उठाने वाला उधर से कुछ नहीं बोल रहा था. घरवाले उसके बाद तब भौचक्क रह गये जब उनके एक जानने वाले सागर के व्हाट्सएप नंबर से फोन कर यह कहते हुए 50 हजार रुपये रंगदारी की मांग की गई कि उसके पिता का अपहरण हो गया है, जबकि उनके मुताबिक सागर को व्हाट्सएप चलाने नहीं आता है. फिर भी बाद में 25 लाख रुपये में धर्मेन्द्र को छोड़ने की बात हुई. उसके बाद शाम करीब सात बजे घरवालों ने साकची थाने में धर्मेन्द्र सिंह के अपहरण की सूचना दी. उसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को कार समेत गिरफ्तार कर लिया. उस कार की डिक्की से बैग में तार से बंधा शव भी बरामद किया गया. आगे पुलिस पूरे मामले की जांच कर उसके जल्द खुलासे का दावा कर रही है.
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