
Nikhil Kumar
Ranchi: बिहार राज्य पथ एवं परिवहन निगम के अंतर्गत झारखंड कैडर के 1240 कर्मियों को बकाया राशि का भुगतान किया जायेगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार कर्मियों को 1 जुलाई 2004 की तिथि से बकाया राशि मिलेगा. राज्य सरकार ने इसकी मंजूरी दे दी है. परिवहन विभाग ने इस आशय का संकल्प एक दो दिन में जारी करेगा. बकाया भुगतान पूरे सात साल का किया जायेगा. 140 करोड़ रुपये इसके तहत स्वीकृत किए गये हैं. वर्तमान में सारे कर्मी विभिन्न विभागों में विभिन्न पदों में सामायोजित हैं. सभी कर्मी ग्रुप सी व ग्रुप डी से हैं.
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बता दें कि, झारखंड परिवहन निगम के बंद कर देने के बाद इनमें कार्यरत कर्मियों को विभिन्न सरकारी कार्यालयों में 24 अगस्त 2011 की तिथि से समायोजित किया गया है. इस वक्त इन निगम कर्मियों को चौथा वेतनमान मिल रहा था,लेकिन जब इनका समायोजन दूसरे विभाग में तो वे वहां सीधे छठा वेतनमान पाये. ऐसे में निगम कर्मियों ने पांचवा वेतनमान का लाभ देने के लिए हाइकोर्ट में याचिका दायर की. उनका कहना था कि समायोजन के क्रम में पांचवा वेतनमान का पूरा लाभ से वंचित कर दिया गया है,जिससे उनके ग्रोस सैलरी में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. पूरे मामले में राज्य सरकार ने भी अपना पक्ष रखा,कोर्ट में यह वाद लंबा खिंच गया. हालांकि, 2016 में ही हाइकोर्ट ने इन्हें पांचवे वेतन का बकाया भुगतान देने का आदेश दिया. इसके बाद राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गयी. वहां से भी 2021 में आदेश पारित हुआ ओर झारखंड सरकार को कर्मियों के बकाया भुगतान करने को कहा. ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में परिवहन विभाग झारखंड जल्द ही विभिन्न सेवा के कर्मियों के बकाया भुगतान की कार्रवाई शुरू करेगा. बकाया भुगतान 1.7.2004 से 24.8.2011 तक साल की अवधि तक किया जायेगा. परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार एक-एक कर्मचारी को आठ से दस लाख रुपये तक की राशि बकाये के रूप में भुगतान की जायेगी.
सिर्फ 135 कर्मचारी अभी नियमित
बिहार से कैडर विभाजन के बाद 1240 कर्मचारी झारखंड को मिले थे. सभी कर्मी बस परिवहन निगम के इन कर्मियों ने झारखंड में कार्य किया. लेकिन बाद में निगम लगातार घाटे में जाने लगा जिसके बाद राज्य सरकार ने इसे बंद करने का फैसला लिया. इसके बाद कर्मियों का सामायोजन 24.8.2011 की तिथि से दूसरे विभागों में कर दिया गया. इनमें कई कर्मचारी अब सेवानिवृत हो गये हैं, कुछ का निधन भी हो गया है. आधिकारिक सूचना के अनुसार अभी महज 135 कर्मचारी नियमित रूप से विभिन्न कार्यालयों में काम कर रहे हैं. परिवहन विभाग अब सेवानिवृत कर्मियों, मृतक कर्मियों के आश्रितों व नियमित कर्मियों को बकाया भुगतान की कार्रवाही प्रारंभ करेगा.
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