
Ranchi : IAS अधिकारी राजीव कुमार को भारत के चुनाव आयोग का मुख्य चुनाव आयुक्त ( Chief Election Commissioner) की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है. वर्ष 1984 बैच के अधिकारी रहे राजीव कुमार रांची में बतौर डीसी अपनी सेवा दे चुके हैं. वे 1 फरवरी 1993 से 1 जून 1996 तक रांची के डीसी रहे.
इसके बाद वे 2001 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए, फिर वहीं से सेवानिवृत्त भी हो गए. अलग झारखंड राज्य गठन के बाद से राजीव कुमार लगातार केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे हैं. इस कारण दो-तीन मौकों पर चर्चा के बावजूद मुख्य सचिव पद के लिए उनके नाम पर सहमति नहीं बन सकी.
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बैंकिंग क्षेत्र के कई सुधारों में दिया महत्वपूर्ण योगदान


देश के बैंकिंग क्षेत्र में कई सुधारों में भी उनका अहम योगदान रहा है. राजीव कुमार ने बीएससी और एलएलबी के साथ पब्लिक पॉलिसी एंड सस्टेनेबिलिटी में मास्टर्स किया है. उनको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वित्तीय समावेशन की योजना के प्रमुख क्षेत्रों में काम करने के लिए जाना जाता है. इनमें प्रधानमंत्री जन धन योजना और मुद्रा ऋण योजना जैसी प्रमुख योजनाएं शामिल हैं.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को रिकॉर्ड पूंजी निवेश उपलब्ध कराने में भी इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. राजीव कुमार ने मोदी सरकार की कई अन्य आर्थिक योजनाओं में भी अहम भूमिका निभाई. उनके कार्यकाल में ही बैंकों में 2.1 लाख करोड़ रुपये के रिकैपिटलाइजेशन कार्यक्रम का ऐलान हुआ था.
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कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं राजीव कुमार
बैंकों और बीमा कंपनियों की स्थिति में सुधार की बड़ी जिम्मेवारी संभाल चुके राजीव कुमार को इस साल अप्रैल में पब्लिक इंटरप्राइजेज सिलेक्शन बोर्ड, पीएसईबी का चेयरमैन नियुक्त किया गया था. माना जाता है कि राजीव कुमार प्रधानमंत्री कार्यालय के सबसे भरोसेमंद अधिकारियों में से एक हैं.
वित्त सचिव रहने के दौरान उन्होंने देश के बैंकिंग सिस्टम में सुधार को लेकर जो कदम उठाये और बाद में बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का विलय शुरू कराया था.
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