
Chaibasa : झारखंड में खनन सचिव के यहां प्रवर्तन निदेशालय का छापा पड़ा और ‘पल्स’ बढ़ गया सत्ताधारी गठबंधन पार्टियों का. उक्त बातें मंगलवार को भाजपा, पश्चिम सिंहभूम के जिलाध्यक्ष बिपीन पूर्ती द्वारा कही गयी. चूंकि खनन विभाग को स्वंय मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन अपने पास रखे हुए हैं और खनन सचिव के यहां प्रवर्तन निदेशालय का छापा पड़ने पर मुख्यमंत्री के द्वारा दिये गए बयान को भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष का दायित्व पूरी ईमानदारी से निभाते हुए सरकार द्वारा भ्रष्टाचारियों को दिए जा रहे संरक्षण को गंभीरता से लेते हुए आंदोलन का रुख पूरे राज्य में किया.
जैसा बयान सत्ताधारी पार्टी के मुख्य दल झारखण्ड मुक्ति मोर्चा के नेताओं द्वारा दिया जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी वर्तमान राज्य सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है, यह काफी हास्यापद और घटिया सोच को परिलक्षित करती है. ये तो वही कहावत हो गई कि चोरी कोई करे सीनाजोरी कोइ दिखावे. आदिवासियों के हित की बात करने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पिछले ढाई सालों में कितने बेरोजगारआदिवासियों को नौकरियां दिलवाई है? पांच वैसी योजना बतावें जिससे आदिवासी जनता को सीधे लाभ मिला हो? वो तो केंद्र सरकार की योजनाएं हैं जिसका लाभ आदिवासी जनता के साथ पूरे राज्य को मिल रहा है.
सत्ताधारी दल की बेचैनी का मुख्य कारण है, भारतीय जनता पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री के पद का दूरुपयोग कर,खनन पट्टा हासिल करने को पूरे सबूत के साथ राज्यपाल को देकर मुख्यमंत्री के ऊपर न्यायोचित करवाई की मांग करने का है. इस गंभीर विषय पर सरकार के घटक दलों का चुप्पी साधना. पूरे राज्य में चर्चा बना हुआ है. राज्य सरकार के मुख्यमंत्री और मंत्रीगण अपने कारणों से सरकार को अस्थिर किये हुए हैं और राज्य की जनता को गुमराह करने के लिये भारतीय जनता पार्टी के साथ केंद्र सरकार के ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए,

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