
Garhwa : जिले के मेराल सदर ब्लॉक की अरंगी पंचायत के रामलाल कुमार ने राज्य निर्वाचन पदाधिकारी को पत्र लिख कर दावा किया है कि नामांकन में फर्जी जाति प्रमाण पत्र संलग्न करके अरंगी पंचायत की मुखिया प्रत्याशी चिंता देवी चुनाव लड़ रही है. इसके साथ ही चुनाव प्रक्रिया के कई नियम कानून को ताक पर रखकर पर्चा दाखिल किया है.

रामलाल ने कहा है कि बाहर के प्रदेश में रहने वाली महिला को एससी, एसटी एवं ओबीसी आरक्षण का लाभ झारखंड में नहीं मिल सकता है. चिंता देवी उत्तर प्रदेश की है.

प्रत्याशी चिंता ने तथ्य को छुपाकर फर्जी दस्तावेज बनाकर नामांकन पर्चा भरा है. रामलाल ने कहा है कि गहन जांच पड़ताल करने से चिंता का दोष साबित हो सकता है. इसकी जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाए.
रामलाल कुमार ने आवेदन की प्रतिलिपि जिला निर्वाचन पदाधिकारी गढ़वा, अनुमंडल पदाधिकारी गढ़वा, अंचल अधिकारी मेराल, उप विकास आयुक्त गढ़वा के पास भी भेजा है और जांच कर कार्रवाई की मांग की है.
इसे भी पढ़ें:बाबूलाल का दावा, पूजा सिंघल प्रकरण से उबरने के लिए मदद तलाशने में लगी राज्य सरकार, मददगार को राज्य सभा सीट का ऑफर!
क्या है शिकायत में
रामलाल के अनुसार पता चला कि चिंता देवी का मायका सोनभद्र जिला के सुखड़ा गांव में है. इनके पिताजी का नाम डॉ भगवान दास है. चिंता देवी ने उत्तर प्रदेश का जाति प्रमाण पत्र ना बनवा कर वह अपने पति चंद्रपति राम के मामा के घर सकड़वा, मेराल जो अरंगी पंचायत में ही स्थित है वहीं से ही जाति प्रमाण पत्र बनवाया है.
चिंता देवी ने पिछले बार भी मुखिया पद के लिए नामांकन किया था. इसमें वह जाति प्रमाण पत्र में ही स्क्रूटनी में छंट गई थी, लेकिन इस बार की स्क्रूटनी में उसके जाति प्रमाण पत्र को कैसे वैद्य मान लिया गया, यह जांच होनी चाहिए.
इधर इस मामले में मेराल के निर्वाची पदाधिकारी अंचलाधिकारी अंदारनाथ सोनकार ने बताया कि इस मामले पर कुछ नहीं बोलेंगे. यह मामला ऊपर के अधिकारी का है.