
ABHISHEK PIYUSH, Jamshedpur : देश-विदेश में लौहनगरी के नाम से प्रसिद्ध जमशेदपुर शहर का इतिहास बेहद ही गौरवशाली रहा है. इसका दूसरा नाम टाटानगर भी है. इतिहास के पन्नों को पलटे तो इस शहर से जुड़ी कई कहानियां है, जो कहीं न कहीं देश-विदेश में शहर का मान बढ़ाती है, लेकिन आज हम बात कर रहे हैं टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी, यानि टिस्को की स्थापना की. दरअसल 27 अगस्त, 1907 में दो करोड़ रुपये से टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी (टिस्को) की स्थापना हुई थी. उसी से लौहनगरी की बुनियाद भी पड़ी थी. वहीं 27 फरवरी 1908 को कारखाना और शहर का निर्माण कार्य शुरू हुआ था.
पारसी समुदाय से जुड़ा है शहर का इतिहास
लौहनगरी यानि जमशेदपुर की इतिहास की बात हो और पारसी समुदाय का नाम नहीं आये, ऐसा संभव नहीं है. क्योंकि यहां कंपनी और शहर की स्थापना ही पारसी व्यवसायी जमशेदजी नसरवान जी टाटा ने की थी. इसी लिहाज से देश-विदेश में जमशेदपुर की पहचान टाटा स्टील कंपनी से है. फिर कंपनी ने जिस कायदे से इस शहर को बसाया है, इससे उसकी सराहना भी हर ओर होती है. इतना ही नहीं, जमशेदपुर और आस-पास के क्षेत्र में टाटा स्टील से जुड़ी कई अन्य कंपनियां भी हैं.




प्रधानमंत्री पं. नेहरु ने किया था जुबली पार्क का उद्घाटन
इसके अलावा कंपनी खास मौकों पर शहरवासियों को तोहफा भी देती आई है. जैसे टाटा स्टील के 50 वर्ष पूरा होने के उपलक्ष्य में शहरवासियों को जुबिली पार्क का तोहफा मिला था. इस खूबसूरत पार्क की स्थापना वर्ष 1958 में की गई थी. टाटा स्टील के उस गोल्डन जुबिली समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने शिरकत की थी और जुबिली पार्क का उद्घाटन किया था.
साकची नाम का छोटा गांव बन गया समृद्ध व्यापारिक केंद्र
आज का जमशेदपुर कभी ‘साकची’ नाम का एक छोटा आदिवासी गांव हुआ करता था. उसकी एक बड़ी आबादी पूरी तरह से यहां के वनों पर निर्भर थी. फिर भी जिस तरह से इसका शहर के रूप में विकास किया गया, उससे देखते ही देखते यह छोटा सा गांव भारत का एक समृद्ध व्यापारिक केंद्र बन गया.
देश के इन प्रधानमंत्रियों का हो चुका है आगमन
देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के अलावा अबतक जमशेदपुर में द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री, इंदिरा गांधी, पीवी नरसिम्हा राव, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जमशेदपुर आगमन हो चुका है. वे या तो टाटा स्टील के किसी कार्यक्रम में अतिथि के रूप में शहर आये या लोकसभा या विधानसभा चुनाव में अपने दलीय प्रत्याशी के प्रचार में चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे है.
किस प्रधानंत्री का कब हुआ था जमशेदपुर आगमन
19 दिसंबर 1965 को तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री टाटा स्टील के समारोह में शिरकत करने पहुंचे थे और उन्होंने टाटा स्टील के प्लांट का अवलोकन किया था. टाटा स्टील के 75 वर्ष पूरा होने पर 1982 में प्लैटिनम जुबिली समारोह में तब की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी शामिल हुई थीं. 1984 में इंदिरा गांधी ने आदित्यपुर दूरदर्शन प्रसारण केंद्र का उद्घाटन किया था. राजीव गांधी का भी जमशेदपुर आगमन हो चुका है. वह सांसद के रूप में जमशेदपुर आये थे और टाटा वर्कर्स यूनियन के माइकल जॉन प्रेक्षागृह का उद्घाटन 18 अक्तूबर 1984 को किया था. 1991 में अंतरराष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल मैच को देखने तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव जमशेदपुर पहुंचे थे. वहीं 9 फरवरी 2000 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने साकची स्थित बारी मैदान में चुनावी सभा को संबोधित किया था. उसके बाद टाटा स्टील के 100 साल पूरा होने के उपलक्ष्य में 22 अप्रैल 2008 को आयोजित समारोह में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल हुए थे, जबकि 24 अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जमशेदपुर में देशभर के करीब छह हजार पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित किया था.
यह भी जानें
- 1910 में जमशेदपुर की आबादी मात्र छह हजार थी.
- 1910 में स्वर्णरेखा पर बांध तथा जल वितरण प्रारंभ किया गया.
- 1911 में टिस्को में पहली बार पिंग आयरन का उत्पादन हुआ.
- 1914 में शुरू प्रथम विश्वयुद्ध से कंपनी को विकास का बेहतर मौका मिला.
- 1915 में यहां कर्मचारियों को मुफ्त चिकित्सा सेवा मिलनी शुरू हुई.
- 1916 में मिसेज केएमपीएस स्कूल का शहर में शुभारंभ हुआ.
- 1916 में कालीमाटी स्टेशन से बिष्टुपुर तक टाटा कंपनी ने दो बसों का संचालन किया.
- 1919 में साकची का नाम ‘जमशेदपुर’ तथा कालीमाटी स्टेशन का नया नामकरण ‘टाटानगर’ हुआ.
- 1920 में श्री सनातन धर्म गौरक्षिणी सभा की स्थापना हुई, जो आज श्री टाटानगर गौशाला है.
- 1921 में जमशेदपुर टेक्नीकल इंस्टीच्यूट की स्थापना हुई थी.
- 1922 में टिस्को में कर्मचारियों ने हड़ताल की थी.
- 1923 में टीनप्लेट कंपनी ऑफ इंडिया जमशेदपुर में उत्पादन शुरू हुआ था.
- 1924 में वर्तमान टिस्को डेयरी फार्म का प्रारंभ मॉडल डेयरी फॉर्म के नाम से भूतपूर्व पुलिस निरीक्षक जेएच नोलैंड ने किया था.
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