
Ranchi: आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका पर पुलिस द्वारा लाठी चार्ज से राज्य के लोग हतप्रभ हैं. लाठी चार्ज के कई वीडियो वायरल हैं. किसी भी वीडियो में महिला पुलिसकर्मी नहीं दिख रहीं.
अखबारों में तस्वीर है. पुरूष पुलिसकर्मी महिला का गट्टा पकड़ रहे हैं. लोग गुस्से में हैं और सरकार व पुलिस को कोस रहे हैं. लोग अपने गुस्से का इजहार सोशल मीडिया फेसबुक और व्हाट्सएप ग्रुप पर कर रहे हैं.
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यहां तक कि पुलिस वालों के ग्रुप में भी कोतवाली थाना प्रभारी श्यामानंद मंडल की भर्त्सना कर रहे हैं. पुलिस वाले सरकार को भी कोस रहे हैं. हर तरफ से एक ही आवाज उठ रही है कि पुलिस ने गलत किया. पर, सबको पता है कार्रवाई नहीं होगी.
पहले जब इस तरह की घटनाएं होती थी, तब आंदोलन करने वाले कर्मचारियों के पक्ष में विपक्ष खड़ा होता था. विपक्ष सड़क पर उतरता था. पर आज के माहौल में आंगनबाड़ी सेविकाओं को विपक्ष का साथ मिलेगा, ऐसा लगता नहीं है.
हम यहां फेसबुक व व्हाट्सएप ग्रुप पर घटना को लेकर लोगों की प्रतिक्रिया प्रकाशित कर रहे हैं. ताकि सत्ता को पता चल सके लोग क्या कह रहें. अखबारों के पहले पन्ने को देख कर यह तो सबको समझ में आ ही गया है कि उनकी प्राथमिकता क्या है.
RP Shahi
Shame- shame! But what can you expect from a corrupt govt?
Amit Kumar Choudhary
ये सवाल सीएम से पूछना चाहिए, उन्होंने ऑर्डर कैसे दिया मारने का. पुलिस वाले सिर्फ अपनी ड्यूटी कर रहे थे. ऑर्डर देनेवाले से सवाल होना चाहिये. क्योंकि किसी भी स्टेट में प्रशासन की गलती मतलब सरकार की गलती.
Vishwa Deepak Tudu
#आंगनवाड़ी_सेविकाएं: गर्भवती माताओं के लिए मां/ सास के बाद पहली शिक्षक, अबोध बच्चों के लिए मां के बाद दूसरी शिक्षक. कुम्हार के मिट्टी को गुथने का काम करती हैं ये, नाम मात्र के वेतन के लिए.
लेकिन कल जो इनके साथ हुआ वो निंदनीय है. जिस देश में नारी का सम्मान न हो, गुरु जनों का सम्मान ना हो, वो देश डूब चुका है. नामर्द और इस सरकार के समर्थक भी ऐसे ही हैं.
Manoj Sah
ये पुलिस वाले परम वीर चक्र के लायक हैं, महिलाओं पर लाठी बरसाना आसान काम थोड़े ही है. बहुत बडा जिगर चाहिए इसके लिए. इन्हें भारत रत्न भी दो और नोबेल के लिए नाम भेजो. वाह-वाह क्या बात है, ये लाठियां नहीं अग्रिम सौगात है. जय जय जय जय.
Tabrez Alam
मोदी है तो मुमकिन है.
Boby Bhagat
रघुवर दास को गिरफ्तार करो, सजा दो उसने महिलाओं पर अत्याचार किया है.
Pappu Kumar Sharma
गुंडों को सलाम करनेवाले थानेदार साहब औरतों पर बहादूरी से लाठी चलाते हैं.
chhandoshree Thakur
दुखद! पर गुलाबी साड़ी वलियों का एक आध डंडा तो बनता है न आखिर गुलाबी राष्ट्रीय फूल पर इतना विश्वास जो है। आ रहा है राज्य का महा पर्व, फिर दिखा देंगी अपना दोगला पंती।
क्यों नहीं कुपोषण पर निकलता इनके मुँह से सच्चाई। क्यों नहीं खोलती शेयर का रहस्य? क्यों होते रहते देती हैं बच्चों के साथ अन्याय?
Uday Pratap Singh
आप सब से आग्रह है कि एक बार इस वीडियो को पूरा देख लें और फिर अपनी राय दें. विश्व में भारत का झंडा बुलंद होने की बातें कही जा रही हैं. तो फिर देशवासियों ने कौन सा गुनाह किया है जो यह सिस्टम सारे तौर-तरीके, नियम, कानून भूल कर उन पर अत्याचार किए जा रहा है.
यह कहां की बहादुरी है भाई कि निहत्थे महिलाओं पर एक पुरुष पुलिस पदाधिकारी द्वारा लाठियां भांजी जाए. क्या लोकतंत्र में अब विरोध करने का शांतिपूर्ण तरीका भी अमान्य है. विरोध-प्रदर्शन करने के लिए क्या आप महिलाओं को तलवार लेकर निकलना होगा.
Kimi Kumari
झारखंडी औरत की आंसू आह लगेगी रघु सरकार को. धनबाद की कमला की आंसू और सेविकाओ की आह लगेगी, रघु सरकार अलविदा
Sunil Gupta
आख़िर किसके आदेश पर यह तानाशाह सरकार अपना हक़ मांगती बहनों पर लाठियां बरसा रही है. शर्म से डूब मरना चाहिए, ऐसी कायरतापूर्ण हरकत करने से पहले. झामुमो अब आर-पार की लड़ाई लड़ेगा.
Jitendra Kr Verma
झारखंड सरकार आंगनबाड़ी सेविका व सहिया दीदी-महिलाओं पर घोर अत्याचार कर रहा है. ना जाने नाना प्रकार का अभियान चलाया जाता है महिलाओं के लिए जैसे यहां पर माताएं पूजनीय है. बेटी पढाओ-बेटी बढ़ाओ. महिला के नाम से 1 रू. में जमीन रजिस्ट्री, दहेज प्रथा रोकथाम, महिला आरक्षण, लेडीज फस्ट इत्यादि पर अब क्या झारखंड सरकार को यह नहीं दिख रहा है, जो कि महिलाएं अपने हक की लड़ाई लड़ रही है और उन्हें उसका हक 100% मिलना चाहिए. साथ-ही-साथ झारखंड PSS (पंचायत स्वयं सेवक) को भी.
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Chhandoshree Thakur
दुखद! पर गुलाबी साड़ी वलियों का एक आध डंडा तो बनता है न आखिर गुलाबी राष्ट्रीय फूल पर इतना विश्वास जो है. आ रहा है राज्य का महापर्व, फिर दिखा देंगी अपना दोगला पंती।
क्यों नहीं कुपोषण पर इनके मुंह से सच्चाई निकलती है . क्यों नहीं शेयर का रहस्य खोलती हैं? क्यों होने देती हैं बच्चों के साथ अन्याय?
Rishi Prakash Mishra
अरे दारोगा जो तुमने लाठी मारा है ना, तुम्हारा सत्यानाश हो जाएगा. तुम्हारा पूरा परिवार बर्बाद हो जाएगा, मर जाएगा.
Vikas karn
नाइंसाफी है, महिलाओं पर लाठीचार्ज का अधिकार महिला पुलिस बल को होता है. पुरुष पुलिस बल को नहीं. झारखंड सरकार जुर्माना अदा करें.
Pankaj Prasoon
कोतवाली थानेदार श्यामानंद मंडल को शायद पता नहीं कि पुरुष पुलिसकर्मी महिला पर बलप्रयोग नहीं कर सकते. क्या राजधानी में महिला पुलिस बल की कमी थी? ये सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है. श्यामानंद मंडल को बर्खास्त कर उसपर मुकदमा चलना चाहिए.
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Anant Das
रघुवर दास की झारखंड पुलिस ने आज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर लाठियां बरसाई. पुरूष पुलिस को जरा सा भी इस बात का अहसास नहीं था कि कैसे वह महिलाओं पर थप्पड़ के साथ लाठी चार्ज करें.
Rahul Raj
झारखंड: तेरे रंग हज़ार
आज रांची में सेविका बहन जो अपनी कुछ मांग को लेकर प्रदर्शन कर रही थी. रघु चाचा के पुलिस के द्वारा जानवरों की तरह पीटा गया अगर जल्द-से-जल्द उन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड नहीं किया गया तो अंजाम भुगतने को तैयार रहें.
Jageshwer Prasad Verma
झारखंड: तेरे रंग हज़ार
जंग हमेशा सेना लड़ती है,पर जीत का सेहरा सेनापति के ही माथे पर सजता है. आज #आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता पर बर्बरता पूर्ण पुलिसिया कार्रवाई का सेहरा #झारखंड के मुखिया अपने सिर लेंगे या निरीह पुलिसकर्मियों के सिर फोड़ा जायेगा?
वैसे अभी एक वर्ग social media पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए,आज के प्रदर्शनकारियों बहनों पर ही अपनी उधार के ज्ञान से दोसारोपित कर देंगे.
Amit Tiwari
जल्द-से-जल्द दोषी पर सख्त कार्रवाई हो, ये पहले से आयोजित कार्यक्रम था. और पिछले 40 दिनों से ये धरना-प्रदर्शन में ही थी, फिर तैयारी पहले क्यों नहीं की गयी. अगर प्रशासन की नजर में यह गलत है तो लाठीचार्ज में महिला बल को लगाना चाहिए था.
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अब पढ़िये पुलिसवाले आंगनबाड़ी सेविकाओं पर किये गये लाठी चार्ज पर क्या कह रहे हैं-
- मैं मानता हूं कि पुलिस भी गलत थी. पर महिला ने जो किया वह बिल्कुल अशोभनीय है, उसको खुद शर्म आ जायेगी वीडियो देखकर.
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कुछ भी हो पुलिस लाठीचार्ज की जितनी भी भर्त्सना की जाये, वह कम है. खासकर थाना प्रभारी कोतवाली रांची की, उन्होंने तो सारी हदें पार कर दी.
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आज आंगनबाड़ी सेविका पर रांची में लाठी चार्ज किया गया. दारोगा को तो सस्पेंड कर देना चाहिए.
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हम अपने कर्तव्य पालन के लिए कटिबद्ध हैं. परंतु लोकतंत्र में सरकार के पास अपनी मांगों को रखने वाले को इस तरह पुलिस के प्रभाव से दबाने की कोशिश होगी, यह शर्मनाक है. हम इसकी निंदा करते हैं. हम पुलिसकर्मी हैं, हम अनेको प्रकार की दिक्कत और विषम परिस्थितियों में काम करते हैं. कई बार हमारे लिए धर्मसंकट रहता है कि हम क्या करें और क्या ना करें, क्योंकि हम अपने कर्तव्य के प्रति कर्तव्यनिष्ठ हैं.
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जिसके कारण हमें जो आदेश दिया जाता है उसे ही अनुपालन करना हमारा धर्म है. यह न्याय और अन्याय देखना सरकार का काम है. एक छोटा सा उदाहरण है, कौरव 100 भाई थे परंतु पांडव 5 भारी पड़े. जिस दिन सरकार का आमना-सामना पांडव पुलिसकर्मियों से हो जाएगा तो ऊंट पहाड़ के नीचे आ जाएगा और वह समय दूर नहीं है जब यह होना है. सरकार पुलिसकर्मियों की मांगों पर कान में तेल डालकर सोई है हमें हल्ला बोल करना ही होगा.
- हम एक बात जानते हैं कि वो लेडी कोई उग्रवादी या आतंकवादी नहीं है, जिसके साथ इस तरह की मारपीट की गयी. हम पुलिसवालों को जनता का विश्वास जीतना चाहिए ना कि विरोधी के रुप में.
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बिल्कुल सही पुलिस के इस नेचर के कारण लोग गाली देते हैं. एसआइ साहब को संयम और धैर्य के साथ गुस्सा को काबू में रखते हुए किसी दूसरे उपाय से मॉब को काबू में करना चाहिए था, ना कि महिलाओं पर लाठी से वार करना चाहिये था.
(हम पुलिस कर्मियों का नाम प्रकाशित नहीं कर रहे हैं, क्योंकि वो सरकारी कर्मचारी हैं)