
Raj kishor
Jamshedpur : बीते दिनों जमशेदपुर में एक शादीशुदा को फेसबुक अकाउंट पर पायल शर्मा नाम (बदला हुआ नाम) से फ्रेंड रिक्वेस्ट आयी. फोटो देखकर युवक आकर्षित हो गया और उसने फौरन युवती की फ्रेंडशिप कबूल कर ली. फिर दोनों उस हद तक चले गये कि वीडियो कॉल पर सेक्स एक्ट भी करने लगे. कुछ समय बाद युवती ने उसके मोबाइल पर एक वीडियो भेजी. वीडियो में युवक को न्यूड हालत में एक्ट करते हुए रिकॉर्ड कर लिया गया था. इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पोस्ट करने की धमकी देते हुए युवक से मोटी रकम की मांग की गयी थी. पहले ऐसे मामले महानगरों में ही सुनने को मिलते थे, लेकिन अब जमशेदपुर जैसे शहर में भी सेक्सटॉर्शन के मामले सामने आने लगे है. हालात यह है कि जमशेदपुर साइबर थाने में सप्ताह भर में करीब पांच-छह मामले इस तरह के सामने आने लगे हैं. इसमें वैसे लोग शामिल हैं, जो ऑनलाइन सेक्स मैटेरियल देखने की लालसा में जाने-अनजाने में सेक्सटॉर्शन के शिकार हो जा रहे हैं. उसके बाद बदनामी के डर से ब्लैकमेल होने पर भी लोग मजबूर हो जाते हैं. जब वे समझ जाते हैं कि साइबर गैंग के जाल से निकलना उनके लिए अब आसान नहीं है, उसके बाद मामला बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर साइबर थाना पहुंचता है.
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ऐसे होता है लोगों को जाल में फंसा कर ब्लैकमेलिंग का खेल




यह सारा खेल फेसबुक और यूट्यूब से ज्यादातर शुरु होता है. न्यूड फोटो या वल्गर वीडियो डालकर लोगों को रिक्वेस्ट भेजा जाता है. जैसे ही किसी ने रिक्वेस्ट एकसेप्ट किया, उसे व्हाट्सएप्प नंबर मैसेज कर दिया जाता है और विडियो कॉल कर उसे अश्लील हरकतों के लिए उकसाया जाता है. जो व्यक्ति साइबर गैंग के इस जाल में फंसकर वीडियो कॉल के जरिए ऑनलाइन सेक्स के झांसे में आ गया, उसकी रिकॉर्डिंग कर ली जाती है. फिर उसे उसकी वीडियो क्लिप भेज कर ब्लैकमेल कर रुपये मांगने का सिलसिला शुरू हो जाता है. उसके बाद वे साइट को ब्ल़ॉक भी करने की कोशिश करते हैं. तब तक उन्हें किसी एजेंट का फोन आने लगा है. फोन करनेवाला यह कहता है कि वह उस मैडम का एजेंट है जिसके साथ उसका वीडियो है. यह सिलसिला चलता रहता है. अब मुश्किल यह भी है कि लोग बदनामी के डर से जल्दी इन बातों को न किसी अपने परिचित को बताते हैं और ना ही साइबर पुलिस से जल्द शिकायत करते हैं.
हद से अधिक इंटरनेट चैटिंग भी बनता है जी का जंजाल
वैसे भी आजकल की मॉडर्न लाइफ में इंटरनेट चैटिंग लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है, लेकिन कई बार हद से अधिक चैटिंग भी जी का जंजाल बन जाता है. इसका फायदा साइबर गैंग उठा लेते हैं और लोग सेक्सटॉर्शन का शिकार हो जाते हैं. उसके बाद भी लोग जल्द साइबर पुलिस को जब मामले की जल्द शिकायत नहीं करते हैं तो उनकी मुश्किलें बढ़ती जाती है.
आपत्तिजनक लिंक या एप्प को टच करने से बचें : साइबर पुलिस
जमशेदपुर साइबर पुलिस का कहना है कि सेक्सटॉर्शन से बचने किसी भी आपत्तिजन लिंक या एप्प को टच करने से बचना सबसे ज्यादा जरुरी है. साइबर थाना के प्रभारी उपेन्द्र मंडल ने बताया कि इस तरह के गिरोह के चंगुल में युवा तो आ ही जाते हैं, कई बड़े उम्र के लोग भी गिरोह के चंगुल में आने से नहीं बच पाते हैं. इसे लेकर थाने में कई शिकायतें आ चुकी है. मोबाइल पर फेसबुक या यूट्यूब पर आनेवाले आपत्तिजनक लिंक खोलने के बाद लोग इसके चंगुल में फंसते जाते हैं, जिसका परिणाम ब्लैकमेलिंग और ठगी के रुप में सामने आता है. ऐसे में लोगों को सतर्क रहना जरुरी है.
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ऐसे लिंक और साइट्स को न करें क्लिक
अगर किसी ने पोर्न साइट्स या अश्लील कंटेंट से जुड़ी साइट विजिट की है, तो हैकर के पास उसकी सर्फिंग डिटेल बैकअप सॉफ्टवेयर के जरिए रिकॉर्ड होती रहती है. ये हैकर साइट विजिट करने वाले का ईमेल, मोबाइल नंबर सोशल मीडिया एकाउंट से खोज लेते हैं. उसके बाद ईमेल भेजते हैं. उसमें ब्राउंजिंग हिस्ट्री होती है कि आपने क्या देखा, कब देखा. फिर वहां से ब्लैकमेलिंग शुरू होती है. इसमें वैसे लोग ज्यादा शिकार होते हैं, जो अनसिक्योर वेबसाइट्स विजिट करते हैं. आपकी एक्टिविटी को हैकर्स रिकॉर्ड करते हैं. अब आप सोचेंगे कि सेफ साइट क्या होती है. तो ऊपर एचटीटीपी एस लिखा है और ताला लगा है, तो वह सेफ है. जिस साइट पर लाल रंग का क्रॉस दिखाई दे, ताला न हो, तो वह सिक्योर नहीं है.