
Ranchi : लॉकडाउन की वजह से शैक्षणिक गतिविधियों में सुधार करने के लिए यूजीसी की ओर से अहम निर्णय लिये गये हैं. इसके तहत इस साल सितंबर माह से शैक्षणिक सत्र की शुरुआत होगी. वहीं लॉकडाउन की वजह से जितने दिन कॉलेज-विश्वविद्यालय बंद रहे हैं, स्टूडेंट्स का उतने दिनों का अटेंडेंस सौ फीसदी माना जायेगा. इससे संबंधित देश के सभी विश्वविद्यालयों को पत्र भेजा जायेगा.
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शैक्षणिक गतिविधियों को दुरूस्त करने के लिए यूजीसी ने बनायी थी कमिटी


दरअसल शैक्षणिक गतिविधियों को दुरूस्त करने के लिए एक विशेष कमिटी यूजीसी की ओर से बनायी गयी थी. इस विशेष कमिटी के अध्यक्ष हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी कुहाड़ हैं. वहीं अन्य सदस्यों में इंटर-यूनिवर्सिटी एक्सेलेरेटर सेंटर के निदेशक एसी पांडेय, वनस्थली विद्यापीठ के कुलपति आदित्य शास्त्री और पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति राज कुमार शामिल हैं.


इस बारे में कुलपति का कहना है कि जहां पहले वर्ष में नामांकन लेने वाले स्टूडेंट्स का शैक्षणिक सत्र एक सितंबर से शुरू किया जाये. वहीं सेकंड और थर्ड ईयर के छात्रों के लिए यह शैक्षणिक सत्र एक अगस्त से शुरू किया जा सकता है. इसके अलावा लॉकडाउन के कारण कॉलेजों के शैक्षणिक सत्र को दो माह की देरी से शुरू किया जा रहा है.
कुलपति ने कहा कि यूजीसी की विशेष कमिटी ने जो प्रस्ताव सौंपे हैं, उसमें सौ फीसदी अटेंडेंस देने के पीछे तर्क दिया है कि सभी छात्र फाइनल परीक्षाओं में शामिल हो सकेंगे. समिति ने यह भी सिफारिश कि है कि देशभर के सभी कॉलेजों में सप्ताह में छह दिन पढ़ाई होनी चाहिए. परिस्थिति को देखते हुए देश में उच्च शिक्षा के लिए नया सत्र जुलाई के बदले सितंबर से होना चाहिए.
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