
Patna : जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाये पर जनभावनाओं को देखते हुए जदयू के सुर बदल गये हैं. जान लें कि 370 पर केंद्र सरकार का विरोध करने के बाद इस मुद्दे पर जदयू को यह आभास हो रहा है कि जनता में इस मुद्दे पर भाजपा को भारी जनसमर्थन मिल रहा है. यह देखते हुए पार्टी ने यू-टर्न लिया है.
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह ने साफ किया कि आर्टिकल 370 की समाप्ति के बाद अब इसका विरोध करने का कोई मतलब नहीं है. जब बहुमत से निर्णय हो गया है तो इसके खिलाफ छाती पीटना उचित नहीं है. कहा कि इस मुद्दे पर पार्टी का स्टैंड साफ है, जिनका पार्टी में मन नहीं लगता है, वे कहीं और चले जायें, पार्टी में इसे लेकर कोई मतभेद नहीं है.
एक बार कानून बन गया तो वह देश का कानून हो गया


बुधवार को जदयू ने संसद में इस मुद्दे पर अपने विरोध के पक्ष में सफाई दी कि यदि आर्टिकल 370 को हटाने का समर्थन किया जाता तो जॉर्ज फर्नांडिस की आत्मा को दुख पहुंचता. उन्होंने इस मुद्दे पर सन 1996 में ही अपना रुख तय कर दिया था. साथ ही कहा कि अब जब एक बार कानून बन गया तो वह देश का कानून हो गया और हम सब साथ हैं. माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार से विचार विमर्श और पार्टी के अन्य सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं की भावना जानने के बाद ही मीडिया के सामने रखा.


इस क्रम में आरसीपी सिंह ने माना कि उनकी पार्टी को इस मुद्दे पर जन भावना का अंदाजा है और इस पर पार्टी से कोई चूक नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन अटूट है और विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ेंगे.