
Ramgarh/Ranchi : रामगढ़ निवासी राजेंद्र बिरहोर की भूख से हुई मौत पर कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों सहित संबंधित अधिकारियों पर हत्या का केस चलाने की मांग की है. इस संदर्भ में झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अजय कुमार सहित कई कांग्रेसी नेताओं ने रविवार को रामगढ़ जिले के घाटो ओपी में एक मामला दर्ज कराया. प्रदेश अध्यक्ष ने इसमें घटना से जुड़े जिम्मेवार लोगों पर एफआईआर दर्ज कराकर हत्या का केस चलाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि लगातार भूख से हो रही मौत के बाद भी राज्य सरकार अभी तक नहीं जागी है. सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि राजेंद्र बिरहोर का पोस्टमार्टम भी नहीं कराया गया, जो कि काफी निंदनीय है. इससे सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होता है. इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने भूख से मारे गये राजेंद्र बिरहोर की पत्नी से मुलाकात कर उसे सांत्वना दी.
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एफआईआर कर हत्या का मामला हो दर्ज
मालूम हो कि रामगढ़ जिले के नवाडीह पंचायत के जरहैया टोला में आदिम बिरहोर आदिवासी से ताल्लुक रखने वाले राजेन्द्र बिरहोर की गत 24 जुलाई को पोषण की कमी और बीमारी से हो गयी थी. इसके बाद से ही कांग्रेस सहित राज्य के तमाम विपक्षी दलों ने सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
इस गंभीर मसले पर न्यूज विंग के रिपोर्टर नितेश ओझा ने प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार से बातचीत की. उन्होंने कहा कि राजेंद्र बिरहोर की मौत भूख से हुई है. इसके लिए दोषी और कोई नहीं बल्कि राज्य की रघुवर सरकार है. लगातार हुई भूख से मौत की घटनाओं को लेकर ही पार्टी ने घाटो ओपी में एक आवेदन दिया है. आवेदन के माध्यम से पार्टी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास, खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय, स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी, कल्याण मंत्री लुइस मरांडी समेत विभागीय सचिव एवं जिला अधिकारी पर एफआईआर दर्ज कर हत्या का केस चलाने की मांग की है.
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सरकार की कार्यशैली पर खड़ा होता है सवाल
उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में राज्य के अंदर कई लोगों की मौत भूख के कारण हुई है. कुछ दिन पहले ही संबंधित विभागीय मंत्री ने कहा था कि अनाज के अभाव में भूख से किसी की मौत नहीं हो, इसके लिए सरकार प्रखंड और पंचायत स्तर पर अनाज का एक निश्चित स्टॉक उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है. सरकार के इस कथन के बाद भी रामगढ़ में राजेंद्र बिरहोर की मौत हो गयी. सबसे आश्चर्य तो इस बात से है कि मृतक का पोस्टमार्टम भी नहीं करवाया गया. इससे सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा होता है.
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