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Hazaribagh, 29 November : वंचित रैयत समिति ने हजारीबाग समाहरणालय के सामने एक दिवसीय धरना दिया. जिले के कटकमदाग-बानादाग कोयला साईडिंग के द्वारा फैलाये जा रहे प्रदूषण के खिलाफ ग्रामीणों ने उचित कार्रवाई की मांग करते हुए राज्यपाल को पत्र लिखा है.
पत्र के द्वारा ग्रामीणों ने बताया है कि कोल साईडिंग बिना चहारदीवारी दिये ही प्रदूषण कानून का खुलेआम उल्लंघन कर चलाया जा रहा है. इसकी वजह से गांव के सभी घरों में कोयले के धूल कण घुस जाते हैं. इसकी वजह से कुएं का पानी भी काला हो जा रहा है. साईडिंग के चारों ओर दीवार देनी चाहिए और जब तक दीवार नहीं दिया जाता है तब तक साईडिंग को तत्काल बंद किया जाए. साथ ही हाईवा गाड़ियों के परिचालन पर भी रोक लगायी जाए.
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जबरन छीनी गयी जमीन
लोगों का कहना है कि एनटीपीसी द्वारा सिंचाई कूप को पुलिस की मदद से जबरन छीना गया है. रैयतों को बिना सूचना दिये, बिना किसी नोटिस और मुआवजे के 80 एकड़ खेती की जमीन छीन ली गयी, जिसे वापस किया जाए.
गलत मुकदमा किया गया दर्ज
बीकेबी कंपनी के द्वारा रैयतों की जमीन पर कोयला साईडिंग के लिए रास्ता बनाया गया है. एग्रीमेंट के अनुसार विस्थापित रैयतों को टेक्निकल व नन-टेक्निकल कार्य देकर रोजगार से जोड़ा जाए. साथ ही ग्रामीणों ने कहा कि एनटीपीसी के कर्मियों के द्वारा पुराने लिये गये जमीन के पेंशन भुगतान कागजात पर हस्ताक्षर कराने के दौरान धोखे से नये जमीन लेने के संबंधित सहमति पत्र पर भी हस्ताक्षर करा लिया गया है. इस सहमति पत्र को रद्द किया जाए. साथ ही ग्रमीणों की आवाज दबाने के लिए उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. धारा 107 के तहत दर्ज मामले और अन्य सभी मुकदमों को वापस लिया जाए.
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