
Ranchi : सदर अस्पताल मामले में दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. इस दौरान अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सदर अस्पताल के मामले में अब और समय नहीं दिया जा सकता. पहले से सरकार के अंडरटेकिंग के आश्वासन के बाद भी अस्पताल पूर्णतः ऑपरेशनल नहीं है. कोर्ट ने मामले में अगले सप्ताह बुधवार को सुनवाई की तारीख दी है. सुनवाई मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की बेंच में हुई.
Slide content
Slide content
इसे भी पढ़ें:प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने रामेश्वर उरांव पर साधा निशाना, कहा- बताएं यूपीए शासन काल में झारखंड का कितना बकाया
कोर्ट ने जतायी थी नाराजगी:
इसके पहले भी कोर्ट ने राजधानी में सदर अस्पताल को सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल बनाने में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने निर्माण में देरी पर विजेता कंस्ट्रक्शन कंपनी से पूछा था कि जब कंपनी को अंडरटेकिंग का कार्य 30 सितंबर को ही पूरा करना था तो अब तक क्यों नहीं हुआ.
इसके जवाब में कंपनी ने कहा कि सरकार की तरफ से पूरा सहयोग नहीं मिलने की वजह से निर्माण में देरी हुई है. अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के उपरांत राज्य सरकार और निर्माण कार्य कर रहे विजेता कंस्ट्रक्शन को आपस में बैठकर समन्वय बिठाकर शीघ्र कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया था.
इसे भी पढ़ें:Jharkhand : विपक्ष के हंगामे के बीच 2926 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट सदन में पेश
इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार को निर्माण कंपनी को सभी तरह का सहयोग देने का आदेश दिया. मामले में प्रार्थी ज्योति शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
दायर याचिका में बताया गया है कि रांची सदर अस्पताल को 500 बेड का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में बदलने की सरकार की योजना थी. इस योजना के तहत भवन का निर्माण कर लिया गया है, लेकिन अस्पताल को ऑपरेशनल नहीं किया गया.
इसे भी पढ़ें:Jharkhand : रोजगार और जेपीएससी मामले पर गरमाया रहा सदन, दर्जन भर विधायकों ने लाया कार्यस्थगन प्रस्ताव
हाई कोर्ट के कई आदेश के बाद राज्य सरकार की ओर से अंडरटेकिंग देकर कहा गया था कि अस्पताल को ऑपरेशनल बना दिया जायेगा.
सरकार के जवाब पर हाई कोर्ट ने याचिका निष्पादित कर दिया था. लेकिन समय सीमा के बाद भी कार्य पूर्ण नहीं होने के बाद अवमानना वाद याचिका दायर की गई गयी.