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और अमीर हुए भारत के अमीर, मुकेश अंबानी शीर्ष पर कायम : फोर्ब्स

News Wing
New Delhi, 5 October: विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी लगातार 10वें साल भारत के सबसे अमीर व्यक्ति बनकर उभरे हैं. उनकी कुल संपत्ति बढ़कर 38 अरब डॉलर यानी 2.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है. आर्थिक सुस्ती के बाद भी शीर्ष 100 अमीर लोगों की संपत्ति में 26 प्रतिशत इजाफा हुआ है.

इंडिया रिच लिस्ट 2017 में दी गई जानकारी

अमीरों की संपत्ति का आकलन करने वाली पत्रिका फार्ब्स की वार्षिक सूची इंडिया रिच लिस्ट 2017 में यह जानकारी दी गयी है. पत्रिका के अनुसार, देश की तीसरी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो के अजीम प्रेमजी 19 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ दूसरे स्थान पर काबिज हुए हैं. उन्होंने पिछले साल की तुलना में दो स्थान की छलांग लगायी है. दवा बनाने वाली कंपनी सन फार्मा के दिलीप सांघवी 12.1 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ नौवें स्थान पर रहे हैं. वह पिछले साल की सूची में दूसरे स्थान पर थे.

पीएम के आर्थिक प्रयोगों का अरबपतियों पर नाममात्र का असर

फोर्ब्स ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक प्रयोगों का भारत के अरबपतियों पर नाममात्र का असर पड़ा है. पिछले एक साल के दौरान मुकेश अंबानी की संपत्ति में 15.3 अरब डॉलर यानी 67 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इस तरह वह शीर्ष स्थान पर अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ ही एशिया के शीर्ष पांच अमीरों में शामिल होने में सफल रहे हैं.

अनिल अंबानी 45वें स्थान पर

मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी अमीरों की सूची में काफी नीचे 45वें स्थान पर रहे हैं. उनकी संपत्ति 3.15 अरब डॉलर आंकी गयी है. पिछले साल वह 32वें तथा 2015 में 29वें स्थान पर रहे थे.

पतंजलि आर्युवेद के आचार्य बालकृष्ण 19वें स्थान पर

योगगुरु रामदेव के करीबी सहयोगी के रूप में जाने जाने वाले पतंजलि आर्युवेद के आचार्य बालकृष्ण लंबी छलांग लगाकर 6.55 अरब डॉलर यानी 43 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ 19वें स्थान पर पहुंच गये हैं. पिछले साल वह 48वें स्थान पर रहे थे.

अमीरों की संपत्ति संयुक्त तौर पर 26 प्रतिशत बढ़ी

पत्रिका ने कहा कि भारत की आर्थिक स्थिति हिचकोले में होने के बाद भी फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट 2017 में शामिल अमीरों की संपत्ति संयुक्त तौर पर 26 प्रतिशत बढ़ी है और यह 479 अरब डॉलर यानी 31 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गयी है. उसने आगे कहा कि भारत की तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था ने पिछले साल नवंबर में नोटबंदी तथा राष्ट्रव्यापी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्रियान्वयन के बाद रफ्तार गंवा दी थी और जून में समाप्त तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गयी. इसके बाद भी शेयर बाजारों ने नयी ऊंचाइयां हासिल कीं जिससे भारत के शीर्ष 100 अमीरों की संपत्ति में इजाफा हुआ.

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