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सरकार की घोषणा के बाद भी स्थानीय बेरोजगारों की हो रही अनदेखी, जयस ने किया आयुष भवन का घेराव

Ranchi :  हाल ही में रघुवर दास ने घोषणा की थी कि राज्य में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी स्थानीय लोगों के लिये रिजर्व रखा गया है. बावजूद इसकी अनदेखी की जा रही है. ये कहना है जयस और झारखंड छात्र संघ की ओर से. इसी बात को लेकर जयस और झारखंड छात्र संघ की ओर से रांची के डोरंडा स्थित आयुष कार्यालय के समक्ष स्थानीय लोगों की शत प्रतिशत नियुक्ति को लेकर घेराव किया गया. इस दौरान मौजूद वक्ताओं का कहना था कि सरकार की घोषणा के बावजूद स्थानीय लोगों को नौकरी देने में अनदेखी की जा रही है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.

Ranchi :  हाल ही में रघुवर दास ने घोषणा की थी कि राज्य में तृतीय और चतुर्थ वर्ग की नौकरी स्थानीय लोगों के लिये रिजर्व रखा गया है. बावजूद इसकी अनदेखी की जा रही है. ये कहना है जयस और झारखंड छात्र संघ की ओर से. इसी बात को लेकर जयस और झारखंड छात्र संघ की ओर से रांची के डोरंडा स्थित आयुष कार्यालय के समक्ष स्थानीय लोगों की शत प्रतिशत नियुक्ति को लेकर घेराव किया गया. इस दौरान मौजूद वक्ताओं का कहना था कि सरकार की घोषणा के बावजूद स्थानीय लोगों को नौकरी देने में अनदेखी की जा रही है. जिसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.    

दरअसल जिकितजा कंपनी की ओर से इमरजेंसी मेडिकल सेवा योजना में स्थानीय को छोड़कर अन्य को भी बहाल किया गया है. जबकि सरकार के आदेश के मुताबिक तृतीय और चतुर्थ श्रेणी में सौ प्रतिशत नियुक्ति स्थानीय बेरोजगारों को ही देना है. लेकिन कंपनी ने सरकार के आदेश की अनदेखी करते हुए इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन के 700 पद, मेंटेनेंस सुपरवाइजर के 30 पद, ड्राइवर के 700 पद एवं डिस्ट्रिक्ट मैनेजर के 30 पद पर बाहरी लोगों की नियुक्ति की है. इस पर प्रदर्शन कर रहे जयस और झारखंड छात्र संघ के लोगों का कहना है कि य़दि कंपनी झारखंड में काम करना चाहती है तो उसे स्थानीय लोगों के हक और अधिकार का सम्मान करना होगा. साथ ही उन्होंने चेताया कि अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो जयस की ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा.

इस दौरान के पर मौके पर झारखंड छात्र संघ के अध्यक्ष एस.अली ने कहा कि झारखंड में इमरजेंसी सेवा के नाम पर बहाली में बड़े पैमाने पर धांधली किये जा रहे हैं, जबकि झारखंड सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि राज्य में होने वाले 3rd और 4th  ग्रेड की नियुक्तियों में स्थानीय लोगों को बहाल करना है, परंतु सरकार के आदेश को मानने से इंकार किया जा रहा है.

वहीं घेराव के बाद आदिवासी युवा शक्ति और झारखंड छात्र संघ के प्रतिनिधियों ने झारखंड इमरजेंसी मेडिकल सेवा प्रबंधन (जिकितजा) कंपनी के एम डी सुमित बासू से मिलकर बात की और साथ ही स्पष्ट किया कि जो भी नियुक्ति की गई है, उसमें पांच दिनों के अंदर बदलाव किया जाये. साथ ही कहा कि यदि ऐसा नहीं होता है तो आंदोलन उग्र होगा. 

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जयस ने आयुष निदेशक को दिए मांग पत्र में क्या कहा

इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन के 700 पद, मेंटेनेंस सुपरवाइजर के 30 पद, ड्राइवर के 700 पद ,एवं डिस्ट्रिक्ट मैनेजर के 30 पद पर बहारी लोगों की नियुक्ति की गय़ी है. कंपनी की ओर से 18 नवंबर 2017 को विज्ञापन निकाल कर 20-23 नवंबर को इंटरव्यू भी लिया गया, लेकिन नियुक्ति के दौरान स्थानिय लोगों को जगह नहीं दिया गया. जबकि दूसरे राज्य के लोगों को पैसा और पैरवी के माध्यम से बहाल किया जा रहा है, जो स्थानीय युवक-युवतियों के साथ अन्याय है.

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क्या कहते हैं जिकितजा कंपनी के एमडी सुमित बासु

भारत सरकार के नियमानुसार सभी पदों पर नियुक्ति की गई है. कुछ लोगा इसे राजनीतिक रंग देना चाहते हैं. कंपनी की ओर से झारखंड में बेहतर इमरजेंसी मेडिकल सेवा दी जा रही है.

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