
Rakesh Ranjan
Jamshedpur : सीमा पात्रा! यह नाम 29 अगस्त से सुर्खियों में है. मंगलवार को ट्विटर पर अरेस्ट सीमा पात्रा टॉप ट्रेंडिंग रहा. न्यूजविंग.कॉम द्वारा अपनी घरेलू नौकरानी पर बेइंतहा जुल्म ढाने का मामला सामने लाये जाने के बाद भाजपा ने अपनी इस नेत्री से किनारा कर लिया है और जेल की सलाखें उनका इंतजार कर रही हैं. आइये हम आपको रूबरू कराते हैं इस महिला के जीवन के हर उस पहलू से जिससे शायद आप अनजान हों. जवानी के दिनों में बला की खूबसूरत रही इस अतिमहत्वाकांक्षी महिला के अनेक रूप हैं और उनका हर रूप प्राय: चर्चिात रहा है. चाहे सीमा पात्रा के रूप में हो या फिर पिंकी पात्रा के रूप में. कहने को उनका प्राथमिक और सामान्य परिचय यही है कि वह एक रिटायर्ड आइएएस महेश्वर पात्रा की पत्नी हैं. लेकिन यह कोई परिचय नहीं और न ही इस कारण लोग उन्हें जानते रहे हैं. उनकी मशहूर शख्सियत के और पहलू भी हैं. बालीवुड की रंगीनियों में अपनी खूबसूरती की चमक बिखेरने को आतुर एक रूपगर्विता की, राजनीति की पथरीली राहों पर चलकर लोकसभा पहुंचने की महत्वाकांक्षा पाले संसदीय चुनाव की एक प्रत्याशी की और सत्ता के गलियारे में अपनी ऊंची पहुंच और धाक रखनेवाले राजनीतिज्ञों से गहरे संबंध रखनेवाली एक मायावी महिला की. यह दीगर बात है कि उनका हर रूप विवादास्पाद है. लेकिन आखिर इन विवादों ने ही तो उन्हें मशहूर बनाया.
फिल्मी दुनिया की नायिका बनने की उनकी पुरजोर तमन्ना तमाम कोशिशों के बाद भी परवान नहीं चढ़ सकी. लोकसभा चुनाव में जमानत तक की जब्ती ने सांसद बनने का उनका सपना भी चकनाचूर कर दिया. लेकिन अपनी मुमकिन-नामुमकिन तमन्नाओं को पाने की जद्दोजहद में इस महत्वााकांक्षी महिला ने जिन लोगों से अपनी करीबी बढाई, उनकी संगति ने उसे विश्व के सर्वाधिक सनसनीखेज घोटालों में एक बिहार के पशुपालन महाघोटाले की कथित चर्चिनत नायिका जरूर बना दिया था. घोटोलेबाजों की संगति और उससे जुड़े किस्सों ने उनकी शख्सियत को शोहरत की बुलंदियों पर पहुंचाया. एक वक्त था, जब पिंकी पात्रा बतौर कलाकार पत्र-पत्रिकाओं में अपना फोटो छपवाने के लिए तमाम तरह के हथकंडों का इस्तेंमाल करती थी. और एक वक्त ऐसा भी आया जब घोटाले की नायिका के बतौर उनके फोटो बिहार और बिहार के बाहर की पत्र-पत्रिकाओं में धड़ल्ले से छपे. पिंकी पात्रा संयुक्त बिहार और बिहार के बाहर एक ऐसी विवादास्पपद महिला के तौर पर मशहूर हो गयी थीं, जिनके उपर घोटालेबाजों द्वारा करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाने के किस्से आम थे.
बताया जाता था बिहार का ड्रीम गर्ल
वरिष्ठ पत्रकार शिवकुमार राय बताते हैं कि अपनी महत्वाकांक्षाओं से संचालित सीमा पात्रा उर्फ पिंकी पात्रा शुरू से ही इनकी पूर्ति के लिए अपनी खूबसूरती का इस्तेमाल बेझिझक करती रही. शुरू में वे कला के प्रति पर्याप्त अभिरुचि रखती थीं और नृत्य तथा नाट्य समारोहों में जमकर हिस्सा लेती थीं. अपने संपर्कों के बल पर उन्हें कुछ हिंदी और भोजपुरी फिल्मों में छोटे-मोटे रोल भी मिले तथा बाद में एक- दो टीवी धारावाहिकों में भी काम मिला. लेकिन मामला सफलता की ओर बढ़ नहीं सका. प्रसिद्धि की चाह किसी कलाकार की स्वालभाविक प्रवृत्तिस होती है, जबकि पिंकी पात्रा स्वभाविकता से भी चार कदम आगे चल रही थी. अखबारों और पत्रिकाओं में अपनी खूबसूरती और कला की तारीफ छपवाने के लिए उन्हों ने पटना के एक फ्रीलांस पत्रकार की कलम का भरपूर उपयोग किया. उनके प्राय: प्रत्येक लेख में पिंकी को बिहार की ड्रीम गर्ल बताते हुए अपार संभावनाओं से भरी अभिनेत्री कहा गया.
हिरोइन नहीं बन सकी तो थामा राजनीति का दामन
वरिष्ठ पत्रकार व व्यााख्याता हेमंत सेतु बताते हैं कि अभिनेत्री बनने की महत्वाकांक्षा चोटिल होने के बाद पिंकी यानी सीमा पात्रा ने राजनीति का दामन थामकर लोकसभा पहुंचने का भरपूर प्रयास किया. राजनीतिज्ञों से संपर्क बढ़ाये. उनकी खूबसूरती और आकर्षक व्यक्तित्व ने वरिष्ठ राजनीतिज्ञों से संपर्क बढाने में व्यापक सहयोग दिया. पहले वे बिहार के वरिष्ठ अल्पसंख्यक नेता से जुड़ीं. उनके साथ अनेक हवाई यात्राएं भी की. उक्त नेता उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिलवा सके. निराश सीमा पात्रा ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की पार्टी के वरिष्ठ बिहारी नेताओं से मेलजोल बढ़ाया और 1991 के चुनाव में उन्हें पलामू सुरक्षित क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बनने में सफलता मिली. धुंआधार और ग्लैेमरपूर्ण प्रचार अभियान के बावजूद उन्हें इस कदर हार का समाना करना पड़ा कि जमानत तक जब्त हो गयी.
चुनाव में पराजय के बाद आया नया मोड़
चुनाव में पराजय के बाद पिंकी के जीवन में उल्ले खनीय मोड़ तब, आया जब वे लालू प्रसाद के अंतरंग मित्र जनता दल के एक विधायक (अब स्वर्गीय) के निकट संपर्क में आयीं. पिंकी और उक्ते विधायक में करीबी जिस वक्त बढ़ रही थी, वह पशुपालन घोटाले का चरम दौर था. अरबों की लूट जारी थी. इस लूट में उस विधायक की महत्वपूर्ण भूमिका थी. लूट के करोड़ों उसने पिंकी पर लुटाये. विधायक ने उन्हें सब्जीबाग दिखाये कि लूट की अकूत राशि के बल पर वह उन्हें बड़े बजट की फिल्मों में नायिका का रोल दिला देगा. इस महत्वाकांक्षा से पिंकी ने उक्त विधायक और उसके साथियों के साथ मायानगरी की अनेक यात्राएं की. बाद में पशुपालन घोटाले की जांच में विधायक के साथ पिंकी की मुंबई यात्राओं के सबूत मिले. इन यात्राओं पर पांच करोड़ से ज्याददा खर्च का अनुमान जांच एजेंसी ने लगाया था. यह पिंकी का दुर्भाग्य ही था कि फिल्म में नायिका का रोल लेने की योजना आकार ही लेनेवाली थी कि पशुपालन घोटाला अचानक सुर्खियों में आ गया और एकाएक हालात बदल गये. फिल्मा में हीरोइन बनने का सपना पालने वाली मल्लिका एकाएक खलनायिका बन गयी. चारा घोटाले में शामिल लोगों का हश्र सामने है.
अंतराल के बाद फिर बढ़ायी राजनीति में सक्रियता
उधर, सीमा पात्रा ने अंतराल के बाद फिर राजनीति की डगर पकड़ी. सीमा ने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल में खुद को भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान का स्टेट कन्वीनर बताया है. भाजपा के कार्यक्रमों में उपस्थिति वाली तस्वीारें भरी पड़ी हैं. इन तस्वीरों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री के सभा मंच पर सीमा की उपस्थिति वाली तस्वीरों के साथ भाजपा नेता मनोज तिवारी के साथ की भी तस्वीेरें हैं. यह बात अलग है कि प्रधानमंत्री मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ मुहिम को परवान चढ़ाने की जिम्मेददारी संभालने वाली सीमा देश-दुनिया की नजरों में एकबार फिर बतौर खलनायक सामने है.
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