आदिवासी-मूलवासियों की सरकारी नियुक्ति में जानबूझकर छंंटनी की जाती हैः रामटहल चौधरी
सीएम को पत्र लिखकर भाजपा सांसद ने पीजीटी परीक्षाफल रद्द करने की मांग की और कहा- बाहरियों की ही नियुक्ति करनी है तो अलग राज्य का क्या मतलब
Ranchi: जेएसएससी के दवारा लिए गए पीजीटी प्लस टू शिक्षक बहाली एवं परीक्षाफल में हुई अनियमितता को लेकर विपक्ष के बाद भाजपा के रांची सांसद रामटहल चैधरी ने भी अपना विरोध दर्ज करा दिया है. सांसद रामटहल चैधरी ने मुख्यमंत्री रघुवर दास को पत्र लिखकर परीक्षाफल में हुई अनियमितता की जांच कर रद्द करवाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि झारखंड के आदिवासी को जानबूझकर छंटनी की जाती है, साथ ही उन्होंने कहा कि वर्णित विषय पर जांच शीघ्र करवाने के साथ-साथ इसमें स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देते हुए बहाल करने की मांग है.
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झारखंड के अभ्यर्थी दूसरे राज्य के शिक्षक बहाली में शामिल नहीं हो सकते तो यहां बाहरियों की नियुक्ति कैसे
झारखंड में जेएसएससी के दवारा पीजीटी प्लस टू शिक्षक बहाली के लिए परीक्षा लिया गया था. इस संबंध में सीएम को लिखे पत्र में सांसद रामटहल चौधरी ने कहा है कि जारी किये गये परीक्षाफल में सामान्य कोटि में बहाल हुए 75 प्रतिशत अभ्यर्थी बाहरी लोगों का किया गया है. सांसद ने यह भी कहा है कि इसमें मध्यप्रदेश और दिल्ली के लोगों का चयन किया गया है. उन्होंने मुख्यमंत्री को संज्ञान में देते हुए बताया है कि झारखंड के अभ्यर्थियों को अन्य राज्यों में अब तक कहीं शिक्षक बहाली में नहीं लिया गया है, जबकि झारखंड में स्थानीय लोगों को दरकिनार कर बाहरी लोगों को बहाल किया गया है.
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बाहरी लोगों को ही बहाल करना है तो अलग राज्य का क्या मतलब
रामटहल चैधरी ने अपने पत्र में यह भी लिखा है कि जब बाहरी लोगों की ही बहाली करनी है तो झारखंड के अलग राज्य बनने का क्या मलतब है. बाहरी लोग हमारे झारखंड के बोली भाषा संस्कृति कुछ से अवगत नहीं हैं, फिर भी उनकी नियुक्ति की गयी है. ऐसे में स्थानीय झारखंडी युवक-युवतियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
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