
New Delhi: छत्तीसगढ़ में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के नेताओं के बीच मुख्यमंत्री पद के लिये कशमकश शुरू हो गया है. कांग्रेस नेताओं का दिल्ली दौड़ जारी है. मालूम हो कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही मंत्री टीएस सिंहदेव के समर्थक कहते रहे हैं कि ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पर सहमति बनी है लेकिन सीएम भूपेश बघेल इससे इनकार करते रहे हैं. अब सिंहदेव के समर्थकों ने इसके लिए मोर्चा खोल दिया है. टीएस सिंहदेव ने भी पिछले दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी. सिंहदेव ने हाल ही में ये भी सवाल उठाया था कि टीम में खेलने वाला खिलाड़ी कप्तान बनने की नहीं सोच सकता क्या? कहा जा रहा है कि सिंहदेव मुख्यमंत्री पद से कम पर मानने के लिये तैयार नहीं है.
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इधर, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी कई विधायक देर रात दिल्ली पहुंचे है. सरकार के दो मंत्री और कुछ विधायक पहले से ही दिल्ली में जमे हुए हैं. इन विधायकों ने वरिष्ठ नेता व राज्य प्रभारी पीएल पूनिया से मुलाकात की है. आज बघेल खुद दिल्ली पहुंच रहे हैं. बघेल का इस सप्ताह यह दूसरा दिल्ली दौरा होगा. ये लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं.


राहुल गांधी और मंत्री टीएस सिंह देव के साथ दो वरिष्ठ नेताओं के बीच सत्ता संघर्ष को सुलझाने के लिए बैठक करने के बाद सीएम बघेल बुधवार की शाम को दिल्ली से रायपुर वापस आए थे. मंत्री टीएस सिंह देव अपने समर्थकों के साथ दिल्ली में ही डटे हैं. ये भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. हालांकि, दिल्ली पहुंचने वाले बघेल सर्मथक विधायकों का कहना है कि आलाकमान से राज्य की स्थिति के बारे में चर्चा करेंगे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में हमारी सरकार लगातार छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा कर रहे हैं.




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मालूम हो कि कांग्रेस पार्टी को पंजाब व राजस्थान में भी अपने नेताओं से निपटना पड़ रहा है. पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू और राजस्थान में सचिन पायलट अपने-अपने राज्य के मुख्यमंत्री के लिये मुसीबत खड़ी करते रहे हैं. अब छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस पार्टी इसी राह पर आगे बढ़ रही है. जाहिर है कांग्रेस अलाकमान के लिये इससे निपटना मुश्किल भरा है.