
Ranchi : राष्ट्रीय आदिवासी धर्म समन्वय समिति के तत्वावधान में 20 फरवरी को आदिवासी धर्म कोड की मांग को लेकर राजभवन के समक्ष महाधरना का आयोजन किया गया है. समिति, महाधरना को सफल बनाने के लिए लगातार जनसंपर्क अभियान चला रही है. आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधि संगठन मानकी मुंडा, डोकलो सोहोर, पड़हा समिति से महाधरना में शामिल होने की अपील की गई है.
समिति ने जानकारी दी है कि महाधरना में झारखंड के 32 जनजातियों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. देश के अन्य राज्यों से भी आदिवासी समाज के प्रतिनिधि शामिल होंगे. धरना के दौरान प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन राज्यपाल को सौंपा जायेगा. इसमें मांग की जायेगी कि केंद्र सरकार जनगणना प्रपत्र में आदिवासी धर्मकोड को शामिल करें ताकि आदिवासी समुदाय की अपनी पृथक पहचान को मान्यता मिले.
समिति के प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि आदिवासी धर्म कोड हमारा अधिकार है और इसे लेकर रहेंगे. महाधरना को लेकर संयोजक देव कुमार धान ने कहा कि धर्मकोड के आंदोलन को मंजिल तक पहुंचाने के लिए संगठन को मजबूत करने की जरूरत है. समिति से जुड़े कार्यकर्ता लगातार इस दिशा में काम कर रहे हैं.