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New Delhi: दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की बैठक को लेकर सियासी हलकों में कई तरह की चर्चाओं पर उस वक्त विराम लगाम लगा, जब गृह मंत्रालय की तरफ से इस बैठक को लेकर औपचारिक बयान जारी किया गया. बताया गया कि बैठक में जम्मू-कश्मीर के विकास कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की गयी.
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री ने पीओके, पश्चिमी पाकिस्तान और कश्मीर से जम्मू आये सभी शरणार्थियों को जल्दी से जल्दी शरणार्थी पैकेज का लाभ सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
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श्री शाह ने प्रधानमंत्री विकास पैकेज, औद्योगिक विकास की परियोजनाओं सहित अन्य कई विकास योजनाओं को तीव्र गति से पूर्ण करने को कहा.
उन्होंने 3000 मेगावाट की पाकल डुल व कीरू जल-विद्युत परियोजना को फ़ास्ट ट्रैक करने के साथ 3300 मेगावाट की अन्य योजनाओं को शुरू करने के भी निर्देश दिये.
अमित शाह ने अधिक से अधिक लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा का दायरा बढ़ाने पर भी बल दिया. उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर में सेब उत्पादन की गुणवत्ता व घनत्व को बढ़ाने की दिशा में कार्य करें, जिससे सेब उत्पादकों को फसल का अधिकतम दाम मिल सकेगा.
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अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन को निर्देश दिया कि किसानों के लिए चलायी जा रही योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री किसान योजना, जिसके अंतर्गत किसानों के खाते में प्रतिवर्ष 6000/- रुपये जमा किये जाते हैं तथा किसान क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत सभी किसानों को इन योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित करें.
बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा केंद्र सरकार व जम्मू-कश्मीर सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
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