
Dhanbad : जिले के 94 हार्ड कोक उद्योग को फ्यूल सप्ललाइ एग्रीमेंट (FSA) के तहत कोयला लिंकेज बंद कर दिया गया है. बीसीसीएल द्वारा कोयला मंत्रालय के निर्देश पर यह कार्रवाई की गयी है जिसके कारण हार्ड कोक उद्यमी खासे परेशान हैं.
लिंकेज कोयला बंद कर दिये जाने से उद्योग बंद होने के कगार पर है. इन्हीं सब मामलों को लेकर इंडस्ट्रीज एंड हार्ड कोक एसोसिएशन के प्रतिनिधि लगातार लिंकेज कोयला फिर से चालू कराने के लिए संबंधित विभाग और कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं.
बीसीसीएल प्रबंधन पर लगाए कई गंभीर आरोप


एसोसिएशन के अध्यक्ष बीएन सिंह ने कहा कि सलाना 36 लाख टन कोयले की जरूरत है लेकिन बीसीसीएल की ओर से ऑफर के रूप में सालाना 10 लाख टन कोयला दिया जाता है. कोयले की क्वालिटी भी ठीक नहीं है.


हार्ड कोक बनाने के लिए जो कोयले की आवश्यकता है, वह उपलब्ध नहीं कराया जाता है. साथ ही जिन कोलियरी का कोयला हार्ड कोक के लिए उपयुक्त है, उस कोलियरी का ऑफर भी नहीं दिया जाता है.
प्रबंधन का कहना है कि जो सिंतबर 2018 तक ई ऑक्शन की प्रक्रिया में हिस्सा लिया है उनके लिंकेज को लेकर एफएसए के तहत करार के लिए कंपनी विचार करेगी.
इधर, एसोसिएशन की मानें तो प्रबंधन के कहने पर ही एफएसए नहीं होने की स्थिति में बैैंक की गारंटी दी गयी है जो फिलहाल बीसीसीएल के पास जमा है.
एसोसिएशन ने फिर मांग रखी कि बाघमारा क्षेत्र के एरिया वन से लेकर पांच तक कोयला बीडिंग के लिए ऑफर दिया जा रहा है, उस पर रोक लगायी जाये. वहां कोयला उठाव में परेशानी हो रही है. कोयले की क्वालिटी भी खराब है. बीएन सिंह ने बस्ताकोला, साउथ झरिया, कुइयां, दामागोड़िया, गोधर आदि परियोजना का कोयला ऑफर देने की मांग रखी.
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‘इंडस्ट्रीज के प्रति बीसीसीएल रखे सकारात्मक रुख’
एसोसिएशन ने प्रबंधन के समक्ष सवाल उठाया कि बीसीसीएल उद्योग हित को लेकर सकारात्मक पहल करे. जिस क्वालिटी के कोयले की आवश्यकता है, उसी का ऑफर दे. कोक तैयार करने के लिए कोकिंग कोल की आवश्यकता है.
बीसीसीएल प्रबंधन हर माह 1.5 लाख टन तक कोयले के स्पॉट ई-ऑक्शन का ऑफर देता है लेकिन बीसीसीएल का उत्पादन लगातार गिर रहा है इस स्थिति में बीसीसीएल प्रबंधन ने करीब 58 हजार टन कोयला तक का ऑफर दिया है. यह उद्योग हित के लिए ठीक नहीं है.
बेहतर कोयले के लिए कागजों पर भी चलने लगे थे हार्डकोक भट्ठे
न्यूज़ विंग की टीम ने धनबाद में संचालित हार्ड कोक भट्ठों को लिंकेज कोयला रद्द किए जाने की जब पड़ताल की तो कई तथ्य सामने आये.
आवंटन रद्द किये जाने से पूर्व बीसीसीएल के सभी एरिया से हार्ड कोक व्यवसायियों को लिंकेज का कोयला प्राप्त होता था. ये व्यवसायी लिंकेज कोयले के उठाव में जिस ग्रेड का कोयला इन्हें निर्देशित था, उससे बढ़िया ग्रेड का कोयला बीसीसीएल कर्मचारियों की मिलीभगत से उठाते थे, जिसे ये व्यवसायी कोयला मंडियों में ऊंचे दामो में बेचने लगे.
धीरे-धीरे यह सिलसिला बहुत तेज हॊ गया. कुछ व्यवसायी पेन पेपर पर भी हार्ड कोक भट्टे संचालित कर मोटी कमाई करने लगे जिसके बाद हार्ड कोक व्यवसायियों पर यह करवाई की गयी है.
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बाघमारा से कोयला उठाना नहीं चाहते व्यवसायी
व्यवसायी ई ऑक्शन के तहत कोयले के उठाव में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. वे बाघमारा क्षेत्र से कोयले का उठाव नहीं करना चाहते.
इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह हैं कि वहांं कोयला व्यवसायियों से कोयले के उठाव के लिए प्रति टन 650 रुपए से 1250 रुपये नजराना चढ़ाना पड़ता है जो व्यवसायी नहीं देना चाहते, वे यहां से कोयला नहीं उठा सकते.
मामले को लेकर इंडस्ट्रीज एण्ड कॉमर्स और बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो कई बार आमने-सामने आ चुके हैं.
मजदूरों को नहीं मिल रहा है रोजगार
हार्ड कोक व्यवसायियों के कोल लिकेज रद्द किये जाने का सीधा असर भट्टों में काम करने वाले मजदूरो पर भी पड़ा है. हार्ड कोक भट्टों में क्षमता से कम कोयला पहुंचने से उत्पादन काफी गिर गया है. जिसके कारण एक ओर अब मजदूरों को तीस दिन काम नही मिलता है तो दूसरी तरफ हार्ड कोक भट्ठों से कोयले कीं ट्रांसपोर्टिंग करने वाले ट्रक चालकों के सामने भी भुखमरी की स्थिति बन आयी है. ऐसे में यहां काम करने वाले मजदूर अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं.
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