
Manoj Kumar Pintu
Giridih : गिरिडीह-कोडरमा लाइन पर ट्रेन तो दौड़ रही है, लेकिन पटरी का कुछ हिस्सा जिस जमीन से गुजरता है, दस्तावेजों में उसकी मालकिन भाजपा नगर अध्यक्ष सदानंद वर्मा की पत्नी सह पचंबा की वार्ड पार्षद रानी देवी हैं.
गिरिडीह निबंधन कार्यालय के मौजूद दस्तावेजों से सामने सामने आये इस फर्जीवाड़े की जांच का आदेश डीसी राजेश पाठक ने दे दिया है. हालांकि सूत्र बताते हैं कि उन्होंने मौखिक आदेश ही दिया है. जिन पदाधिकारियों को जांच करनी है उनके हाथ में लिखित आदेश नहीं गया है.


जब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ तो ईस्ट रेल जोन के साथ गिरिडीह प्रशासन के होश उड़ गये.




सदर अचंल के सीओ रवीन्द्र सिन्हा का का कहना है कि बड़े पैमाने पर पर गड़बड़ी हुई है. सवार उठ रहा है कि जिस प्लाॅट का रेलवे ने अधिग्रहण किया उसको किसी रैय्यतदार ने किन दस्तावेजों के आधार पर बेच दिया.
सिन्हा ने कहा कि सोमवार से इस फर्जीवाड़े की जांच की जायेगी.
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कुछ साल पहले हुआ था अधिग्रहण
जिस प्लाॅट के फर्जीवाड़े की बात हो रही है, उसका अधिग्रहण रेलवे ने कुछ साल पहले किया था. सदर अचंल के सीओ की मानें तो पचंबा के अदुंडीह मौजा के खाता नंबर 187/ प्लाॅट नंबर 85 में कुल प्लाॅट डेढ़ एकड़ के होने की बात कही जा रही है. जबकि वार्ड पार्षद रानी देवी के नाम से रघुवर सरकार की योजना के अनुरुप महज एक रुपये में एक एकड़ छह डिस्मिल जमीन की रजिस्ट्री कर दिया गयी.
सूत्रों के अनुसार अदुंडीह मौजा के खाता नंबर 187 और प्लाॅट नंबर 85 में जिन प्लाॅटो की रजिस्ट्री की गयी, उसमें प्लाॅट नंबर 63, 49, 82, 85 और 133 शामिल हैं.
इस प्लाॅट की जमाबंदी शिवलाल सहाय के नाम पर काफी साल से दर्ज है. हैरानी की बात यह भी है कि सालों पहले दर्ज जमाबंदी के बाद नया कोई जमाबंदी और लगान रसीद तक नहीं काटा गया, इसके बावजूद शिवलाल सहाय के खतियान का फायदा उठाकर शिवलाल के पोते भवानी शंकर प्रसाद ने करीब 10 दिन पहले रानी देवी के नाम पर रजिस्ट्री कर दी.
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निबंधन कार्यालय की लापरवाही या कोई बड़ा खेल?
हैरान करने वाली बात यह भी है कि भवानी शंकर प्रसाद ने जिस प्लाॅट को रानी देवी के नाम रजिस्ट्री किया है, उस प्लाॅट को कई साल पहले ही गिरिडीह-कोडरमा रेल परियोजना के लिए अधिग्रहण कर लिया गया था.
हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि प्लाॅट के रैय्यतदार को जमीन अधिग्रहण को लेकर रेलवे की ओर से कितना मुआवजा दिया गया था.
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर निबंधन कार्यालय ने देखे-समझें बगैर किन दस्तावेजों के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री कर दी.
इधर भाजपा के नगर अध्यक्ष सदानंद वर्मा ने कहा है कि वे अब डीड के साथ ही अपनी बात रखने आयेंगे.
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