
Dhanbad: रंगदारी के कारण बाघमारा के जमुनिया कोल डंप की स्थिति बदतर होती जा रही है. जमुनिया कोल डंप में 30-35 वर्ष से काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि उनके जीवन में ऐसी स्थिति पहली बार उत्पन्न हुई है.
टाइगर फोर्स की रंगदारी के कारण यहां पर कोई ट्रक कोयला लोड करने के लिए नहीं आता है. एकाध महीना में कोई एक ट्रक आ गया तो आ गया. उसी से चार-पांच सौ रुपये की आमदनी हो जाती है.
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मजदूरों की जिंदगी हुई बेहाल
ढुल्लू के टाइगर फोर्स की रंगदारी का ये आलम है कि जमुनिया कोल डंप के मजदूर महीना में पांच- छह सौ रुपये भी बमुश्किल ही कमा पाते हैं.
जमुनिया कोल डंप बंद होने से अब तक चार लोगों की मौत आर्थिक तंगी के कारण हो चुकी है. इनमें से दो लोग तो ऐसे हैं, जिन्होंने तंगी के कारण अपनी जान दे दी.
बाघमारा क्षेत्र में टाइगर फोर्स के आतंक का आलम यह है कि इसके खौफ से लोग अपना मुंह खोलना नहीं चाहते. न्यूज विंग की टीम जब वहां पहुंची तो लोगों ने साफ कहा कि आपको जो जानकारी चाहिए, वो दे देंगे.
लेकिन कैमरा के सामने कुछ भी नहीं कहेंगे. क्योंकि यहां कैमरा के सामने कुछ भी कहने का मतलब है ढुल्लू के खिलाफ जाना. और ढुल्लू के खिलाफ जाने का मतलब होता है मौत.
केस स्टडी- 1
दो सितंबर को 48 वर्षीय धनुगोप ने जहर खाकर अपनी जान दे दी. धनुगोप कालापत्थर, पुपुनकी का रहने वाला था और जमुनिया कोल डंप काम करने के लिए आता था. इन दिनों वह कोल डंप बंद होने से परेशान रहने लगा था. परिवार का भरण-पोषण करने में कठिनाई हो रही थी. तंग आकर उसने जहर खाकर अपनी जान दे दी.
केस स्टडी- 2
28 अगस्त को रफी गोप की मौत हो गयी. वह सिरपोकी का रहने वाला था और जमुनिया कोल डंप में मजदूरी का काम करता था. इन दिनों वह कोल डंप के बंद होने से परेशान रहा करता था. वह कई तरह की बीमारियों से घिरा हुआ था. इलाज के लिए उसके पास पैसे नहीं थे. इलाज के अभाव में उसने 28 अगस्त को दम तोड़ दिया.
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केस स्टडी- 3
26 अगस्त को बाघमारा के समाजसेवी व राजद कार्यकर्ता वैद्यनाथ यादव के 44 वर्षीय पुत्र विनोद यादव ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. विनोद रंगदारी के कारण ट्रकों के बंद होने से परेशान रहता था.
जमुनिया कोलियरी में उसके ट्रक लोडिंग का काम करते थे. रंगदारी के कारण इन दिनों यह काम बंद था, जिससे विनोद काफी परेशान रहा करता था. 26 अगस्त की सुबह उसने अपने घर में ही फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
केस स्टडी- 4
जुलाई में जमुनिया कोल डंप का मजदूर जगदीश दास की मौत हो गयी. वह कोल डंप में लोडिंग बंद होने से परेशान रहता था. वह पोलियो से भी ग्रस्ति था. लेकिन आर्थिक तंगी के कारण अपना इलाज नहीं करा पा रहा था. इलाज के अभाव में जगदीश दास की तड़प-तड़प कर मौत हो गयी.
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