
Ranchi: रांची विश्वविद्यालय (आरयू) के लगभग दर्जनभर अनुबंधकर्मी नियमों की अनदेखी कर रांची विश्वविद्यालयों में योगदान दे रहे हैं. कई विभागों के क्लर्क, सहायक और लाइबेरियन दूसरे कॉलेजों में अनुबंध शिक्षक के रूप में कार्य कर रहे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन को भी इस बात की सूचना है कि ये अनुबंधकर्मी एक स्थान के अलावे कई विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में अनुबंध पर कार्य कर रहे हैं. वहीं इन अनुबंधकर्मियों को दो जगहों से विश्वविद्यालय द्वारा मानदेय भी प्रदान किया जा रहा है.
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क्या है मामला


रांची विश्वविद्यालय द्वारा हाल में ही अनुबंध शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया आरंभ की गयी. इस प्रक्रिया में रांची विश्वविद्यालय के अनुबंधकर्मियों ने भी हिस्सा लिया और उनका चयन अनुबंध सहायक शिक्षक के रूप में आरयू के विभिन्न विभागों एवं कॉलेजों में हुआ. लेकिन, इन कर्मियों ने अपने पहले कार्य को जारी रखते हुवे अन्य जगहों पर योग्यदान देना शुरु कर दिया. पत्रकारिता विभाग के लाइबेरियन सुशील रंजन अनुबंधकर्मी के रूप में नियुक्त हैं. लेकिन, वह साथ ही साथ वो बिरसा कॉलेज खूंटी में सहायक शिक्षक के रूप में योगदान दे रहे हैं. इस तरह के दर्जनभर मामले आरयू में हैं. जिनको आरयू के अधिकारी नजरअंदाज कर उन्हें दो मानदेय का लाभ प्रदान कर रहे हैं.




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क्या है नियम
आरयू के नियमों के अनुसार अनुबंधकर्मी की नियुक्ति केवल एक ही कार्य के लिए एक ही विभाग में किया जाता है. उनको अपने कार्यस्थल पर कार्य के दौरान रहना अनिवार्य है. उनके इसी कार्य पर विश्वविद्यालय के द्वारा मानदेय प्रदान किया जाता है.
क्या कहते हैं आरयू के अधिकारी
आरयू के कोऑर्डिनेटर डॉ अशोक चौधरी ने कहा कि विवि का अनुबंधकर्मी अन्य जगहों पर योगदान नहीं दे सकता है, ये विश्वविद्यालय के नियमों के खिलाफ है. मामले को गंभीरतापूर्ण लेते हुए विश्वविद्यालय ऐसे अनुबंधकर्मियों के खिलाफ कार्यवाही करेगा.