
Ranchi : टीएसी गठन की नयी नियमावली पर प्रदेश भाजपा और झामुमो में ठन गयी है. झामुमो के मुताबिक टीएसी के लिए नयी नियमावली ठीक है. 2006 में रमन सिंह की सरकार ने छत्तीसगढ़ में स्थानीय काउंसिल का गठन किया था.
उसमें सीएम को ही प्रमुख बनाया था. उसे हाइकोर्ट औऱ सुप्रीम कोर्ट ने भी सही माना. ऐसे में झारखंड में भी यह सही है. गवर्नर ने भी इस नियमावली संशोधन पर सहमति दी है. भाजपा जनता को दिग्भ्रमित कर रही. प्रदेश भाजपा ने इस पर आपत्ति जतायी है.
मंगलवार को भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर ने कहा कि झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य का बयान दिग्भ्रमित करनेवाला है. वे टीएसी नियमावली संशोधन में राज्यपाल की सहमति बता रहे हैं. यह सच नहीं. संवैधानिक नियुक्ति राज्यपाल का विशेषाधिकार है.


इसे भी पढ़ें :जेएमएम ने केंद्र के फैसले को बताया वाजिब, कहा 21 जून तक वैक्सीनेशन अभियान का कैलेंडर जारी करे केंद्र सरकार


संवैधानिक नियुक्ति और सामान्य नियुक्तियों में है अंतर
गंगोत्री कुजूर ने कहा कि झामुमो को बयानबाजी के पहले थोड़ी जानकारी भी प्राप्त कर लेनी चाहिए. टीएसी की नियुक्ति के लिए संविधान की 5वीं अनुसूची में राज्यपाल को विशेषाधिकार प्राप्त है.
इसलिए संवैधानिक नियुक्तियों को सामान्य नियुक्तियों से जोड़ना झामुमो की अज्ञानता है. विभिन्न आयोग के अध्यक्षों की नियुक्ति, प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति, आयोग के सदस्यों की नियुक्ति आदि पद संवैधानिक पद हैं जिस पर राज्यपाल के हस्ताक्षर के बाद ही अधिसूचना जारी की जाती है. टीएसी कानून में संशोधन कर मुख्यमंत्री ने आदिवासी हित और समाज की सुरक्षा पर कुठाराघात किया है.
इसे भी पढ़ें :रंगदारी वसूलने के लिए जुटे थे पीएलएफआइ नक्सली, पुलिस ने एरिया कमांडर सहित 5 को धर दबोचा
अब जनजाति आयोग ने लिया संज्ञान
सरकार के गलत निर्णय के कारण ही राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने राज्य सरकार को समन किया है. आज राज्य सरकार आदिवासी विरोधी निर्णय लेने के कारण कटघरे में खड़ी है.
जबसे यह सरकार बनी है, राज्य में आदिवासी विरोधी कार्य किये जा रहे हैं. आदिवासियों की हत्याएं हो रही हैं. आदिवासी बहन बेटियां सुरक्षित नहीं हैं.
इसे भी पढ़ें :बीपीएससी से डीएसपी बननेवाली बिहार की पहली मुस्लिम महिला बनीं रजिया