
Ranchi: ब्लड प्रेशर की वजह से लोग हाइपर टेंशन की चपेट में आ रहे है. वहीं बीपी अचानक से हाई हो जाए तो ब्रेन हेमोरेज भी हो सकता है. ऐसे ही हजारों मरीज इलाज के लिए हॉस्पिटल में पहुंच रहे है. ये बातें वर्ल्ड हाइपरेटेंशन डे की पूर्व संध्या पर केसी राय मेमोरियल हॉस्पिटल में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डॉ एसके पॉल ने कही. उन्होंने कहा कि आज हर चौथा आदमी हाइपर टेंशन का शिकार है. इसलिए हर किसी को अपना बीपी रेगुलर इंटरवल पर चेक करना चाहिए. चूंकि समय पर यह पता चल जाए कि बीपी किस वजह से बढ़ा है तो उसे ठीक भी किया जा सकता है.
वहीं बीपी की दवा को भी बंद किया जा सकता है. लेकिन यह केवल पांच परसेंट लोगों में ही संभव है. बाकी के 95 परसेंट मरीजों को एक बार दवा शुरू हो गई तो उसका डोज कम और ज्यादा किया जा सकता है पर पूरी तरह से बंद नहीं किया जा सकता.
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इंटेंसिव इंवेस्टिगेशन है जरूरी



किसी भी व्यक्ति को जिसे अर्ली एज में बीपी की समस्या है तो उसका इंटेंसिव इंवेस्टिगेशन (डिटेल जांच) कराना चाहिए. जिससे कि यह पता लगाया जा सकता है कि बीपी की समस्या का कारण क्या है. वहीं कई लोगों को 55-60 साल की उम्र में पहुंचने के बाद भी कई लोगों का बीपी अचानक से बढ़ जाता है. तब लोग यह नहीं समझ पाते कि अचानक से यह बड़ा कैसे जब इतने दिनों तक नहीं था. तब भी उन्हें इंटेंसिव इंवेस्टिगेशन कराने की जरूरत है.
आखिर क्या है हाइपरटेंशन
हाइपरटेंशन (Hypertension) ब्लड प्रेशर से जुड़ी एक ऐसी बीमारी है, जिसमें रक्तचाप तय मानक से ज्यादा हो जाता है. दरअसल, धमनियों के जरिए खून को दौड़ने के लिए प्रेशर की एक निश्चित मात्रा की जरूरत होती है. कई बार खून का बहाव सामान्य से ज्यादा हो जाता है तो यह धमनी की दीवार पर ज्यादा दबाव डालता है. इसे ही हाइपरटेंशन कहते हैं.
ये हैं हाइपरटेंशन के लक्षण
हाइपरटेंशन (Hypertension) को साइलेंट किलर भी कहा जाता है. कई बार इस बीमारी से पीड़ित शख्स में किसी भी तरह के लक्षण नजर नहीं आते. लेकिन यह कार्डियोवस्कुलर सिस्टम और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है.
हाइपरटेंशन होने पर ज्यादा पसीना आना, घबराहट होना, अच्छे से नींद न आना जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. कई बार हाइपरटेंशन के मरीजों में तेज सिरदर्द और नाक से खून भी आता है.
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वीक में 150 मिनट का वॉक जरूरी
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ अनुपम कुमार सिंह ने कहा कि ब्लड प्रेशर तो हर किसी के लिए जरूरी है. लेकिन यह न कम और न ज्यादा होना चाहिए. इसमें हमारे डाइट का रोल अहम होता है. इसलिए बैलेंस डाइट को अपने डेली रूटीन में शामिल करें. वहीं वीक में 150 मिनट वाक जरूर करें. इसमें एक बात को ध्यान में रखने की जरूरत है कि यह वाक एक दिन में न हो. बल्कि पूरे हफ्ते में इसे पूरा करें.
लाइफस्टाइल की बात करें तो बीपी वालों को जीरो टोबैको और लिमिटेड अल्कोहल को भी फालो करने की जरूरत है. इसलिए एकबार बीपी हो गया तो दवाओं से इसे कंट्रोल किया जा सकता है. लेकिन यह पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकता. इसलिए ब्लड प्रेशर को इग्नोर न करें और रेगुलर चेक करते रहे. इसके अलावा कोई भी परेशानी हो तो नजदीकी डॉक्टर से कंसल्ट कर सकते है.
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