Shirdi (Maharashtra): महाराष्ट्र के शिरडी में स्थानीय लोगों ने साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर उपजे विवाद के बाद रविवार को बंद का आह्वान किया है. साईं जन्मभूमि पाथरी शहर के लिए विकास निधि का ऐलान किया गया था जिसके बाद से यह विवाद उठ गया है जो कि अब शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. इसी क्रम में शिरडी बंद का ऐलान किया गया है.
हालांकि, साईं बाबा मंदिर के न्यासियों ने शनिवार को कहा कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा. गौरतलब है कि शिरडी स्थित साईं मंदिर में देशभर के लाखों श्रद्धालु आते हैं.
उल्लेखनीय है कि यह विवाद उस समय पैदा हुआ जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले के पाथरी में साईं बाबा जन्मस्थान पर सुविधाओं का विकास करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने की घोषणा की थी. इसे लेकर साईं भक्त विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर पाथरी को लेकर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वो कोर्ट जाएंगे.
Maharashtra: Shirdi Sai Baba temple remains open amid bandh called today in Shirdi town, against CM Uddhav Thackeray’s reported comment calling Pathri (in Parbhani) as Sai Baba’s birthplace. pic.twitter.com/fNAx3FrPTa
कुछ श्रद्धालु पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान मानते हैं जबकि शिरडी के लोगों का दावा है कि उनका जन्मस्थान अज्ञात है. वहीं मुख्यमंत्री के बयान से शिरडी के लोग नाराज हैं.
सीएम ठाकरे के इस निर्णय के खिलाफ रविवार को शिरडी बंद का ऐलान किया गया है. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि साईं बाबा ने अपने जन्म और धर्म का कभी की कोई जिक्र नहीं किया है और न ही साईं चरित्र के बारे में कुछ लिखा हुआ है.
शिरडी स्थित श्री साईबाबा संस्थान न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा. स्थानीय भाजपा विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया है.
Maharashtra: A bandh has been called today in Shirdi town, against CM Uddhav Thackeray’s reported comment calling Pathri (in Parbhani) as Sai Baba’s birthplace. pic.twitter.com/wxPGlrRJki
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को साईं बाबा का जन्मस्थान पाथरी होने संबंधी बयान को वापस लेना चाहिए. पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कि देश के कई साईं मंदिरों में एक पाथरी में भी है. सभी साईं भक्त इससे आहत हुए हैं, इसलिए इस विवाद को खत्म होना चाहिए.
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शुक्रवार को कहा था कि श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का पाथरी में विकास का विरोध जन्मस्थान विवाद की वजह से नहीं किया जाना चाहिए.
Shirdi (Maharashtra): महाराष्ट्र के शिरडी में स्थानीय लोगों ने साईं बाबा के जन्म स्थान को लेकर उपजे विवाद के बाद रविवार को बंद का आह्वान किया है. साईं जन्मभूमि पाथरी शहर के लिए विकास निधि का ऐलान किया गया था जिसके बाद से यह विवाद उठ गया है जो कि अब शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. इसी क्रम में शिरडी बंद का ऐलान किया गया है.
हालांकि, साईं बाबा मंदिर के न्यासियों ने शनिवार को कहा कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा. गौरतलब है कि शिरडी स्थित साईं मंदिर में देशभर के लाखों श्रद्धालु आते हैं.
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क्यों हुआ विवाद
उल्लेखनीय है कि यह विवाद उस समय पैदा हुआ जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने परभणी जिले के पाथरी में साईं बाबा जन्मस्थान पर सुविधाओं का विकास करने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि आवंटित करने की घोषणा की थी. इसे लेकर साईं भक्त विरोध कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि अगर पाथरी को लेकर सरकार ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो वो कोर्ट जाएंगे.
कुछ श्रद्धालु पाथरी को साईं बाबा का जन्मस्थान मानते हैं जबकि शिरडी के लोगों का दावा है कि उनका जन्मस्थान अज्ञात है. वहीं मुख्यमंत्री के बयान से शिरडी के लोग नाराज हैं.
सीएम ठाकरे के इस निर्णय के खिलाफ रविवार को शिरडी बंद का ऐलान किया गया है. विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि साईं बाबा ने अपने जन्म और धर्म का कभी की कोई जिक्र नहीं किया है और न ही साईं चरित्र के बारे में कुछ लिखा हुआ है.
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ठाकरे से बयान वापस लेने की मांग
शिरडी स्थित श्री साईबाबा संस्थान न्यास के मुख्य कार्यकारी अधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया कि बंद के बावजूद मंदिर खुला रहेगा. स्थानीय भाजपा विधायक राधाकृष्ण विखे पाटिल ने कहा कि उन्होंने स्थानीय लोगों द्वारा बुलाए गए बंद का समर्थन किया है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को साईं बाबा का जन्मस्थान पाथरी होने संबंधी बयान को वापस लेना चाहिए. पूर्व राज्यमंत्री ने कहा कि देश के कई साईं मंदिरों में एक पाथरी में भी है. सभी साईं भक्त इससे आहत हुए हैं, इसलिए इस विवाद को खत्म होना चाहिए.
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने शुक्रवार को कहा था कि श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं का पाथरी में विकास का विरोध जन्मस्थान विवाद की वजह से नहीं किया जाना चाहिए.