
Dhanbad: रेलवे भी आपदा में अवसर ढूंढने में लगी है .एक ओर कोरोना के कारण आम लोगो की आर्थिक स्थिति जहां खराब चल रही है. वहीं रेल किराया रोज महंगाई के नई ऊंचाइयों को छू रहा है. आलम यह है कि बुधवार से पटरी पर लौटी रांची-देवघर बाबाधाम इंटरसिटी ट्रेन देश के सबसे प्रीमियर ट्रेन शताब्दी से भी महंगी हो गई है.
रेलवे ने किराया निर्धारण के नियम और उप नियम का ऐसा जाल बुना है कि यात्री त्राहि-त्राहि कर रहे हैं. शताब्दी के चेयरकार में धनबाद से रांची जाने का किराया जहां 405 रुपए लिया जा रहा है, वहीं उसी रूट पर बाबाधाम इंटरसिटी के चेयरकार में यात्रा के लिए लोगों से रेलवे 505 रुपए चार्ज कर रही है.



शताब्दी महज तीन घंटे 55 मिनट में धनबाद से रांची पहुंचाती है जबकि बाबाधाम इंटरसिटी को यह सफर पूरा करने में चार घंटे 35 मिनट का समय लग रहा है. दोनों ट्रेनों की सुविधाओं की तुलना भी नही किया जा सकता है. धनबाद होकर चलने वाली रांची की सभी महत्वपूर्ण स्पेशल ट्रेनों में धनबाद से रांची का किराया थर्ड एसी में 505 रुपए है यानी बाबाधाम इंटरसिटी के चेयरकार के बराबर.



चेयरकार में तो बाबाधाम इंटरसिटी सबसे महंगी ट्रेन है ही, जनरल बोगियों के साथ चलने वाली सेकंड सीटिंग में भी यह ट्रेन सबसे महंगी है. धनबाद से रांची जाने वाली सभी ट्रेनों में सेकेंड सीटिंग का किराया 85 रुपए से 95 रुपए तक निर्धारित है, लेकिन बाबाधाम इंटरसिटी की सेकंड सीटिंग का किराया 100 रुपए तय किया गया है. मजेदार बात तो यह है कि यात्री जिस ट्रेन को बिना रिजर्वेशन चलाने की मांग कर रहे हैं, रेलवे ने उस ट्रेन को सबसे महंगी ट्रेन बना दी. भारी-भरकम किराए के कारण यात्रियों ने इस ट्रेन को नकार दिया है. हर दिन 12 सौ से अधिक सीट खाली हैं.
वही धनबाद रेल मंडल सीनियर डीसीएम अवधेश कुमार पांडेय ने कहा कि यात्री किराया बहुत अधिक महंगा होने का कारण है कि इंटरसिटी ट्रेन स्पेशल के रूप में चलाया जा रहा है. जिस कारण किराया कुछ अधिक है. दावा किया कि सब कुछ पहले जैसा सामान्य होने पर किराया कम हो जाएगा.