
Amit Jha
Ranchi: देश दुनिया में इंटरनेशनल से लेकर लोकल लेवल पर खेल टूर्नामेंटों का आय़ोजन जारी है. इनमें झारखंडी सितारे अपनी जबर्दस्त चमक बिखेरते सबों का ध्यान खींचने में लगे हैं. टोक्यो आलंपिक में सलीमा टेटे और निक्की प्रधान ने इंडियन हॉकी टीम से खेलकर अपनी प्रतिभा दिखलायी. चाहे वह कप्तान के तौर पर नेशनल टीम की जिम्मेदारी उठानी हो या बतौर प्लेयर टीम से खेलना हो, खिलाड़ी अपना जादू दिखा रहे हैं. दक्षिण अफ्रीका में खेली जा रही जूनियर हॉकी वर्ल्ड कप (FIH HOCKEY JUNIOR WORLD CUP) की कप्तानी सलीमा टेटे के हाथों में है. संगीता कुमारी और ब्यूटी डुंगडूंग भी उनके साथ इंडियन टीम में हैं. भारतीय टीम अब जूनियर वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल में पहुंच चुकी है.


देश में खेले जा रहे आइपीएल (क्रिकेट टूर्नामेंट) में इशान किशन मुंबई टीम के लिये स्टार बैटर हैं. वरुण एरॉन, शाहबाज नदीम, अनुकूल रॉय जैसे खिलाड़ी भी अलग अलग टीमों में अपना रोल प्ले कर रहे हैं. पिछले दिनों जमशेदपुर में खेले गये SAAF U-18 महिला फुटबॉल चैंपियनशिप में झारखंड की 8 बेटियां इंडियन टीम में शामिल की गयी थीं.





नेशनल तीरंदाज मधुमिता कुमारी ने सीनियर नेशनल आर्चरी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर अपना लोहा मनवाया था. झारखंड के आदित्य गौरव U-15 रैंकिंग टूर्नामेंट के जरिये देश के नंबर एक पहलवान बने हैं. 12वीं जूनियर राष्ट्रीय महिला हॉकी चैंपियनशिप में 3 अप्रैल को झारखंड की टीम रनर अप रही है.
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प्रतिभा का सम्मानः सचिव
खेल सचिव अमिताभ कौशल के मुताबिक प्रतिभावान खिलाड़ी अपना मुकाम हासिल कर ही लेते हैं. खिलाड़ियों की दक्षता, मेहनत उन्हें वाजिब सम्मान दिलाती ही है. खेल विभाग (राज्य सरकार) जरूरी सपोर्ट देने की कोशिश करता है.
थोड़ा है, थोड़े की जरूरत हैः भोला नाथ
हॉकी झारखंड के प्रमुख भोला नाथ सिंह कहते हैं कि हॉकी, कुश्ती जैसे खेलों में अभी जो उपलब्धि है, वो नया नहीं है. अविभाजित बिहार के समय से ही राज्य के इस हिस्से से लगातार प्रतिभावान खिलाड़ी निकलते रहे हैं. मनोहर टोपनो सहित अन्य खिलाड़ी तो ओलंपिक तक खेल चुके हैं. अब भी टोक्यो ओलंपिक में दो-दो महिला हॉकी खिलाड़ी ओलंपिक में खेले हैं. उनका टारगेट है कि कुश्ती, हॉकी जैसे खेलों में इंडियन टीम में यहां के लड़कों की अधिक से अधिक भागीदारी बढ़े. वे वर्ल्ड चैंपियन, एशियन गेम्स और अन्य इंटरनेशनल टूर्नामेंटों में देश के लिये पदक जीतें. अगले 2-4 सालों में इस लक्ष्य को पूरा कर लिये जाने का भरोसा है. काम जारी है.
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जेएससीए (झारखंड क्रिकेट) के सचिव संजय सहाय कहते हैं कि काबिल खिलाड़ियों को जेएससीए की ओर से लॉजिस्टिक और अन्य सपोर्ट दिया जा रहा है. लड़के, लड़कियों को अधिक से अधिक प्रैक्टिस का मौका दिया जाता है. इन प्रयासों का फर्क दिखने लगा है. चार-चार प्लेयर अभी आइपीएल में अपनी काबिलियत दिखा रहे हैं. सब कुछ योजनाबद्ध तरीके से चला तो आने वाले समय में टीम इंडिया में इशान किशन की तरह और भी झारखंडी खिलाड़ियों को देखने का मौका मिलेगा.