
- औसत बिजली खपत के आधार पर किया जाना है भुगतान, आगामी महीने में किया जायेगा समायोजन
Ranchi : कोरोना महामारी से देश में लागू लॉकडाउन के समय से ही घाटे में चल रही जेबीवीएनएल ने एक नयी मिशाल पेश की है. जिस वक्त सरकार से लेकर प्रशासन तक लोगों की मदद करने और आपसी सहयोग के साथ रहने पर बल दे रही है. वहीं झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने अपने उपभोक्ताओं से अग्रिम भुगतान की मांग की है.
इस संबध में जेबीवीएनएल की ओर से विज्ञापन जारी किया गया है. विज्ञापन में अग्रिम भुगतान करने और आने वाले महीनों में इसके समायोजन की बात की गयी है. बता दें कि कोरोना महामारी को लेकर सरकारी कार्यालयों से लेकर निजी कंपनियां तक लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. कई डिश कपंनियां, लोगों को डिस रिचार्ज नहीं करा पा रहे हैं, उन्हें मुफ्त सेवा दे रही है.


ऐसे समय में जेबीवीएनएल की ओर से लोगों से अग्रिम भुगतान की बात की गयी. जबकि लॉकडाउन के कारण सरकारी कार्यालय, निजी कार्यालय, निमार्ण कार्य, परिवहन से लेकर कल कारखानें तक बंद हैं.




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क्या लिखा है विज्ञापन में
जेबीवीएनएल की ओर से जारी विज्ञापन में बताया गया है की ग्लोबल महामारी के वक्त जेबीवीएनएल निर्बाध बिजली आपूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है. जिक्र है की जेबीवीएनएल कई संस्थाओं से बिजली खरीद कर उपभोक्ताओं को देती है. ऐसी संस्थाओं को समय पर भुगतान करना जरूरी है. जिससे बिजली आपूर्ति होती रहे.

इसके साथ ही अग्रिम बिजली बिल भुगतान करते हुए, आगामी महीने में इसके समायोजन की बात की गयी है. उपभोक्ताओं से जेबीवीएनएल की वेबसाइट समेत अन्य एप्प के जरिये भुगतान की बात विज्ञापन में की गयी है. जिसमें ईजी बिजली एप्प, अमेजन पे, पेटीएम, गूगल पे, भीम पे या फोन पे पर भुगतान कर सकते हैं. अग्रिम भुगतान औसत बिजली खपत के अनुमान के आधार पर की जानी है.
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गठन के वक्त से ही घाटे में है जेबीवीएनएल
जेबीवीएनएल का गठन साल 2015 में किया गया. गठन काल से ही जेबीवीएनएल लगातार घाटे में रही. पूर्व सरकार ने भले ही उदय योजना के तहत केंद्र से जेबीवीएनएल को 5534 करोड़ अनुदान दिलाया. साथ ही उम्मीद की गयी जेबीवीएनएल बिलिंग के जरिये प्राप्त राजस्व से खुद को मजबूत करेगी.
लेकिन ऐसा नहीं हुआ. खुद जेबीवीएनएल के आंकड़ों की मानें तो जेबीवीएनएल हर माह 60 प्रतिशत बिलिंग ही कर पाती है. डीवीसी, टीयूभीएनएल, एनटीपीसी समेत अन्य संस्थानों से लगभग 500 करोड़ की बिजली खरीदी जाती है. जबकि राजस्व वसूली मात्र 300 करेाड़ है. करोना महामारी के कारण फरवरी माह से इस बिलिंग में भी कमी आयी है.
मार्च माह में बिलिंग से कुल 46 लाख 460 रूपये का लक्ष्य रखा गया. लेकिन वसूली मात्र 22 लाख 666 रूपये ही हो पायी. स्पष्ट है कि जेबीवीएनएल अपनी स्थिति मजबूत नहीं कर पायी है. जिससे इस महामारी के वक्त भी जेबीवीएनएल को लोगों से अग्रिम भुगतान की मांग की जा रही है. पिछले दिनों बकाया भुगतान नहीं होने के कारण डीवीसी ने बिजली कटौती शुरू कर दी थी. जिसके बाद जेबीवीएनएल की ओर से कुछ भुगतान की गयी.
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