
Ranchi: धनबाद में डॉक्टरों को लगातार मिल रही धमकी और पिछले दिनों डॉक्टर के परिवार पर हमले के विरोध में आईएमए धनबाद ने 9 मई को हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है. जिसे आईएमए झारखंड का भी सपोर्ट मिल रहा है. लेकिन आईएमए झारखंड इस इंतजार में है कि डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर सरकार क्या निर्णय लेती है. इसके लिए सरकार को 9 मई तक का अल्टीमेटम दिया गया है. इसके बाद भी सरकार की ओर से डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कोई निर्णय नहीं लिए जाते हैं तो झारखंड के सभी गवर्नमेंट और प्राइवेट सेक्टर के डॉक्टर हड़ताल पर चले जाएंगे. वही सुरक्षा को लेकर कानून लागू नहीं किए जाने पर आगे की रणनीति बनाकर आंदोलन तेज किया जाएगा.
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सरकार के निर्णय का इंतजार


आइएमए के डॉ प्रदीप सिंह ने कहा कि हाल के दिनों में डॉक्टरों पर हमले व रंगदारी मांगने के मामले बढ़ गए हैं. इसे लेकर हम लोगों ने सरकार से और पुलिस विभाग के मुखिया से भी मुलाकात की थी. लेकिन डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर उनकी ओर से कोई कदम उठाया नहीं जा रहा है और ना ही कोई कानून पास कराने को लेकर सरकार गंभीर है. इसलिए डॉक्टर अब आंदोलन के मूड में है. फिलहाल हम लोग सरकार के निर्णय का इंतजार कर रहे हैं.
हाल में हुई घटनाएं




केस 1
धनबाद में अमन सिंह गिरोह के सदस्य छोटू सिंह ने माटकुरिया सुयाश क्लीनिक के मालिक और प्रसिद्ध सर्जन डॉ समीर कुमार को धमकी दी. वहीं उनसे एक करोड़ रुपये की रकम और पांच लाख रुपये महीना रंगदारी की डिमांड की है. इसके बाद डॉ समीर ने धनबाद छोड़ दिया है.
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28 अप्रैल को धनबाद आईएमए के जिला सचिव डॉ सुशील कुमार सिंह के ऊपर अज्ञात हमलावरों ने गोविंदपुर थाना क्षेत्र के ख़ालसा होटल के समीप जीटी रोड पर हमला किया. वह तारापीठ मंदिर से दर्शन कर लौट रहें थे. स्कोर्पियो को धनबाद की ओर लेकर मुड़े तभी एक बाइक पर दो सवार असंतुलित हो कर गिर पड़े. डॉक्टर ने गाड़ी रोककर उनलोगों से बात करनी चाही तो उन लोगों ने डॉक्टर पर हाथ चला दिया. जब डॉक्टर भागे तब उनलोगों ने गाड़ी का पीछा करते हुए शीशा तोड़ दिया किसी तरह वे अपनी जान बचाकर भागे.
केस 3
12 जनवरी 2022 की शाम में हुआ था. खुद को डब्ल्यूएचओ का चिकित्सक बताकर एक व्यक्ति ने सीएचसी में कार्यरत एक कर्मी से डा नीलिमा के आवास के बारे में जानकारी ली और उसी शाम उनका अपहरण कर लिया. उन्हें रामगढ़ ले जाया गया. वहां खाना खिलाने के बाद फिरौती के रूप में ढाई लाख का चेक लिया गया. दूसरे दिन बैंक से राशि की निकासी के बाद वापस छोड़ दिया गया. सदमे से बाहर निकल उन्होंने 16 जनवरी की शाम चंदवा थाने में इससे संबंधित आवेदन दिया.
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