
NewDelhi : रिटर्न दाखिल नहीं करने पर अक्टूबर-नवंबर में 1.63 लाख से अधिक व्यवसायियों के जीएसटी पंजीकरण (GST Registration) रद्द कर दिये जाने की खबर है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सूत्रों ने बताया कि फर्जी कंपनियों, रातों-रात मुनाफा कमाने की फिराक में रहने वालों और कारोबार को आपस में घुमाकर दिखाने वाले नकली कारोबारियों से निपटना जरूरी था. जीएसटी के फील्ड अधिकारियों ने अक्टूबर और नवंबर के दौरान ऐसे 1,63,042 पंजीकरण निरस्त कर दिये.
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छह माह से अधिक समय तक जीएसटीआर- 3बी रिटर्न दाखिल नहीं किया


बताया गया कि इन लोगों ने छह माह से भी अधिक समय तक जीएसटीआर-3बी रिटर्न दाखिल नहीं किया था. खबर दी गयी है कि एक दिसंबर 2020 को जिन करदाताओं ने छह माह से अधिक समय तक अपनी जीएसटीआर- 3बी रिटर्न दाखिल नहीं किया है, ऐसे 28,635 करदाताओं की पहचान की गयी है. इन मामलों में सभी जीएसटी आयुक्त कार्यालयों को स्वयं ही निरस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया गया है.




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चार चार्टर्ड आकाउंटेंट और एक महिला गिरफ्तार
फर्जी बिलों को लेकर की जाने वाली धोखाधड़ी के खिलाफ शुरू हुए देशव्यापी अभियान के तहत एक माह में जीएसटी खुफिया महानिदेशालय (DGGI) और केन्द्रीय जीएसटी कमिश्नरेट ने अब तक 132 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें चार चार्टर्ड आकाउंटेंट (CA) और एक महिला शामिल हैं.
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CA ने 14 नकली कंपनियां बनाकर 20.97 करोड़ रुपये हड़पे
इन लोगों ने धोखाधड़ी के जरिए अवैध इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) प्राप्त किया अथवा बिल पारित किये. इसके अलावा देशभर में 4,586 फर्जी जीएसटीआईएन (GSTIN) इकाइयों के खिलाफ 1,430 मामले दर्ज किये गये हैं. सू्त्रों ने बताया कि विशाखापट्टनम से एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) को गिरफ्तार किया गया है. उस पर 14 नकली कंपनियां बनाकर 20.97 करोड़ रुपये का आईटीसी (ITC) हड़पने का आरोप है.