
Ranchi : बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच शुरू कर दी है. इसे लेकर ईडी ने धनबाद पुलिस से विधायक के आपराधिक इतिहास की जानकारी मांगी थी. ईडी ने स्मार पत्र भेजे थे जनाकारी के लिए. बावजूद इसके धनबाद पुलिस ने इसकी जरूरी सूचना ईडी को नहीं दी.
2016 में हाइकोर्ट ने ईडी और आयकर विभाग को विधायक की संपत्ति व ब्योरे की प्रति देने का निर्देश दिया था. इसी निर्देश के आधार पर ईडी जांच कर रही है कि क्या विधायक ढुल्लू महतो ने मनी लाउंड्रिंग कर खुद और अपने करीबी लोगों के नाम पर संपत्ति खरीदी है.
गौरतलब है कि हाइकोर्ट में साल 2011 में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी. जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि विधायक ढुल्लू महतो ने अपने और अपने करीबियों के नाम पर करोड़ों की संपत्ति खरीदी है.
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हाइकोर्ट के निर्देश के बाद ईडी ने शुरू की जांच
प्रभात खबर में छपी खबर के मुताबिक ईडी ने हाइकोर्ट के निर्देश के बाद जांच शुरू की. जांच के दौरान ईडी को यह संकेत मिले कि विधायक कोयले के व्यापार में भी शामिल हैं. ईडी ने इसे लेकर धनबाद एसएसपी को लेटर लिखा. लेटर में हाइकोर्ट के द्वारा दिए गए निर्देश के बारे में लिखते हुए ईडी ने जानकारी मांगी.
लेटर में ईडी ने लिखा कि विधायक के खिलाफ जिले के अलग-अलग थानों में जो भी मामले दर्ज हैं उसकी जानकारी दी जाए. साथ ही जांच में क्या प्रगति हुई है और जिन-जिन मामलों में विधायक के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया जा चुका है उससे संबंधित पेपर उपलब्ध कराया जाए.
धनबाद एसएसपी ने नहीं दिया जवाब
ईडी के द्वारा लेटर लिखे जाने के काफी दिन होने के बाद भी पुलिस की ओर से जब कुछ भी जवाब नहीं दिया गया तो ईडी ने एक बार फिर इसे लेकर 2018 में स्मार पत्र भेजा.
लेकिन इसके बाद भी पुलिस ने विधायक के आपराधिक इतिहास ईडी को उपलब्ध नहीं कराये. वहीं पुलिस के द्वारा सूचना नहीं दिए जाने के कारण ईडी को जांच में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
उल्लेखनीय है कि पिछले साल जुलाई 2018 में ढुल्लू महतो पर रंगदारी के आरोप लगे थे. उस वक्त भी धनबाद एसएसपी ने विधायक के खिलाफ कुछ खास कार्रवाई नहीं की थी. जिसके बाद यह सवाल उठने लगे थे कि धनबाद पुलिस कानून के हिसाब से चलती है या ढुल्लू महतो के इशारों पर.
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क्या था रंगदारी मामला
तथ्य
– धनबाद के आकाशकिनारी में ओरिएंटल कंपनी ने कोयला आउटसोर्सिंग का काम लिया है.
– 28 जून से कंपनी का काम बंद है. आरोप है कि ढुल्लू महतो के लोगों की रंगदारी के कारण काम बंद है.
– कंपनी ने राज्य के मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है.
– आठ जुलाई को ओरिएंटल कंपनी के असिस्टेंट वाईस प्रेसिडेंट एसएस शेठ्ठी ने प्रेस कांफ्रेंस करके बताया कि ढुल्लू महतो के लोगों की रंगदारी की वजह से कंपनी परेशान हो चुकी है. विधायक ढुल्लू महतो ने सहयोग को अपना अधिकार मान लिया है.
– विधायक के लोगों को और कंपनी के बीच धनबाद के एसडीओ ने समझौता कराया, पर बात नहीं बनी.
– प्रेस कांफ्रेंस के दो दिन बाद एक ऑडियो क्लिप वायरल हुआ, जिसमें विधायक ढुल्लू महतो ओरिएंटल कंपनी के अधिकारी को धमकाते हुए सुने जा सकते हैं.
– 22 जुलाई को कंपनी के एजीएम मुकेश चंदानी पर हमला हुआ, हमलावरों ने उन्हें पीटा, उनका पैर तोड़ दिया. उनका आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में विधायक को अभियुक्त नहीं बनाया. जबकि हमलावर यह कह रहे थे कि विधायक जी से पंगा लोगे तो जान से हाथ धोना पड़ेगा.
ऊपर के तथ्य क्या कह रहे हैं ? उपर के तथ्यों से क्या साबित हो रहा है ? धनबाद में कानून का राज है या ढुल्लू महतो का ? धनबाद की पुलिस कानून के हिसाब से काम करती है या ढुल्लू महतो के इशारे पर ? उनकी सुविधा को ध्यान में रखते हुए.
जब घटनाएं सिलसिलेवार हो रही हैं. हरेक घटना की जानकारी धनबाद जिला के एसएसपी मनोज रतन चौथे से लेकर थाना तक की पुलिस को और साथ ही जिला प्रशासन को भी है.
यहां तक कि मुख्यमंत्री सचिवालय को भी है. मीडिया में लगातार खबरें आ रही हैं कि विधायक और उनके लोग कंपनी के लोगों को धमकी दे रहे हैं. ऑडियो क्लिपिंग भी मौजूद है.
ऐसे में जब कंपनी के लोगों पर जानलेवा हमला होता है, तो जिम्मेदार कौन होगा. हो सकता है तीसरा भी कोई हो. पर यह तो तब पता चलेगा, जब विधायक के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज हो और जांच हो.
23 जुलाई 2018 को दैनिक अखबार हिंदुस्तान में छपी खबर के मुताबिक पुलिस ने विधायक ढुल्लू महतो के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की. ऐसे में धनबाद पुलिस पर यह सवाल उठता है कि वह कानून के हिसाब से काम करती है या ढुल्लू महतो के हिसाब से.
एक सवाल यह भी है कि पुलिस मुख्यालय क्या कर रहा है. वह धनबाद पुलिस को निर्देश क्यों नहीं दे रहा. ढुल्लू महतो के मामले में मुख्यालय की चुप्पी कई बड़े सवालों को जन्म देता है.