
Ranchi: झारखंड के जंगलों व पहाड़ियों पर केवल मौत ही मौत बिछी है. नक्सलियों ने बम प्लांट कर न केवल अपनी ताकत का दर्शाया है बल्कि झारखंड पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था को एक तरह से चुनौती भी दे डाली है. गुरुवार को चाईबासा के जंगल में नक्सलियों की बिछायी आईईडी की चपेट में आकर तीन जवान शहीद हो गये, जबकि आधा दर्जन से ज्यादा जवान घायल हो गये. नक्सलियों के इरादे कितने खतरनाक हो गये हैं इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जंगलों में अभियान के दौरान जवान विस्फोट की चपेट में आ कर घायल हो रहे हैं, जिससे पुलिस की नींद उड़ी हुई है कि आखिर कैसे बम से बचा जाए. अब तो ग्रामीण भी बम की चपेट में आकर घायल हो रहे हैं. स्थिति यह है कि हर चौथे-पांचवें दिन कहीं न कहीं विस्फोट की घटनाएं हो रही हैं.
अब तकनीकी तौर पर भी बेहद मजबूत हुए हैं नक्सली
झारखंड में कुछ साल पहले सुरक्षाबल नक्सलियों को घेर कर मार रहे थे लेकिन हाल के दिनों में नक्सलियों ने अपने मंसुबे को साफ कर दिया है कि अभी भी लड़ाई इतना आसान नहीं है. नक्सलियों ने कितनी खतरनाक प्लानिंग की है कि शायद खुफिया विभाग को भी इसका अंदाजा नहीं हुआ होगा. खतरनाक इरादे वाले नक्सली अब तकनीकी तौर पर बेहद मजबूत हुए हैं और अपनी चाल से पुलिस को सोचने पर मजबूर कर दिया है.
अब बम प्लांट कर रहे हैं
दरअसल, नक्सली अब पुलिस से एक कदम आगे सोचने लगे हैं और पुलिस को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने की जुगाड़ में जुट गए हैं. नक्सली आमने-सामने की लड़ाई नहीं लड़ना चाहते हैं. अब नक्सलियों ने झारखंड के जंगलों में सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए जगह जगह बम को प्लांट करना शुरू कर दिया है. झारखंड के जंगलों में नक्सलियों के बिछाए प्रेशर बम की चपेट में पुलिसकर्मी शहीद हो रहे हैं या घायल हो रहे हैं.
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