
Ranchi : चार दिवसीय वैचारिक व बौद्धिक मेले लोकमंथन कार्यक्रम का आयोजन 27 सितंबर से रांची के खेलगांव में होना है. कार्यक्रम का गुरुवार को उद्घाटन किया जाना है. कार्यक्रम के मुख्यअतिथि उपराष्ट्रपति होगें. अध्यक्षता सीएम रघुवर दास करेंगे पर राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को अतिथि तक नहीं बनाया गया है. ये पूरी तरह से प्रोटोकाॅल का उल्लंघन है, जिस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति मुख्यअतिथि होंगे वहां प्रोटोकाॅल के हिसाब से राज्यपाल को अतिथि बनाया जाना चाहिए. कार्यक्रम को लेकर बांटे जा रहे आमंत्रण पत्र में राज्यपाल का नाम नहीं होने से प्रशासनिक महकमे में काफी बवाल मचा हुआ है.
कानून के जानकारों का कहना है कि यह एक तरह का प्रोटोकाॅल का उल्लंघन है, किसी भी कार्यक्रम में अगर राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति मुख्यअतिथि के रुप में मौजूद होते हैं तो वहंा राज्य के राज्यपाल का अतिथि के रुप में मौजूद रहा प्रोटोकाॅल का हिस्सा है, लेकिन झारखंड के होने वाले कार्यक्रम में राज्यपाल को अतिथि तक नहीं बनाया गया है.


देश-विदेश के बुद्धिजीवी आ रहे हैं रांची




राष्ट्रीय विचार प्रक्रिया को पुनर्स्थापित करने पर गुरुवार से खेलगांव में चार दिनों तक मंथन होगा. भारतीय मानस को समझने के लिए देश-विदेश के बुद्धिजीवी रांची आ रहे हैं. खेलगांव में होनेवाले चार दिवसीय बौद्धिक मेले, लोकमंथन – 2018 के आयोजन में ये भाग लेंगे. गुरुवार शाम चार बजे उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू इस कार्यक्रम का उद्घाटन करेंगे, जबकि लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन 30 सितंबर को होनेवाले समापन समारोह की मुख्य अतिथि होंगी.
क्या है लोकमंथन 2018
लोकमंथन- 2018 की केंद्रीय विषय वस्तु ‘भारत बोध : जन-गण-मन’ है. भारत का विचार क्या है? राष्ट्र और समाज की हमारी अवधारणा क्या है? भारत का मानस क्या था, क्या है, क्या होना है और किस दिशा में इसे जाना चाहिए, इन सब विषयों पर चर्चा होगी. इसके साथ ही राजनीतिक, आर्थिक, स्थानीय प्रशासनिक मॉडल, जिन पर हम अभी चल रहे हैं या जिन पर हमें चलना चाहिए, इस पर भी चर्चा होगी. समाजावलोकन, विश्वावलोकन, व्यवस्था अवलोकन, अर्थावलोकन और आत्मावलोकन पर चर्चा होगी. गौरतलब है कि भोपाल में प्रथम लोकमंथन का आयोजन हुआ था. रांची में यह दूसरा आयोजन है