
Ranchi: झारखंड सरकार भी राज्य में ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) को महामारी घोषित करने की तैयारी कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने का प्रस्ताव रखेंगे. हालांकि. सरकार ने पहले से ही हर जिले में इसके लिए वार्ड तैयार करने का काम शुरू कर दिया है. मालूम हो कि देश के कई राज्यों में इसे महामारी घोषित किया जा चुका है.
हर जिले में बनाए जा रहे हैं वार्ड
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस को लेकर चिंतित हैं और जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. जिलों में विशेष वार्ड स्थापित किए जा रहे हैं. इसके अलावा उन लोगों की जांच की जाएगी जिन्होंने हाल में ही कोरोना से जंग जीती है. साथ ही अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है कि म्यूकर माइकोसिस के इलाज के लिए जरूरी दवाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था करें.


झारखंड में अब तक मिले 27 मरीज


स्वास्थ्य विभाग के अनुसार झारखंड में अब तक ब्लैक फंगस के 27 मरीज मिले हैं. जिसमें एक दर्जन मरीज रिम्स में इलाजरत हैं. तीन रांची के एक निजी अस्पताल और चार जमशेदपुर में भर्ती हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार काटने, खरोंचने, जलने या अन्य प्रकार के स्किन में घाव के माध्यम से ये उसमें प्रवेश कर डेवलप कर जाते हैं. इसके अलावा वैसे मरीज जो डायबिटिक या फिर कमजोर इम्यून सिस्टम वाले हैं उन्हें इससे अलर्ट रहने की जरूरत है.
एम्फोटेरिसिन-बी का पर्याप्त स्टॉक
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ब्लैक फंगस के इलाज के लिए राज्य में इंतजाम किए गए हैं. इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवा एम्फोटेरिसिन-बी का स्टॉक भी हैं. दूसरे राज्यों की तुलना में यह इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है. चूंकि मरीज को ठीक होने तक 20 से 40 इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है. वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा हैं कि बीमारी के इलाज के लिए प्रमुख दवा एम्फोटेरिसिन-बी की उपलब्धता अब बढ़ाई जा रही है और मंत्रालय पांच अतिरिक्त निर्माताओं के संपर्क में है.
इन राज्यों में महामारी घोषित
राजस्थान, बिहार, गुजरात, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने पहले ही इसे महामारी रोग अधिनियम के तहत एक ‘सूचित’ बीमारी घोषित कर दिया है. जिससे राज्य सरकार को हर म्यूकर माइकोसिस मामले की रिपोर्ट केंद्र को करना अनिवार्य हो गया है.