
Ranchi: जेवीएम का हर कदम बीजेपी में विलय करने वाला साबित हो रहा है. ताजा घटनाक्रम यह है कि पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने अपने पार्टी के मांडर विधानसभा के विधायक बंधु तिर्की को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
पार्टी के प्रधान महासचिव अभय सिंह ने मंगलवार को इसकी घोषणा की है. प्रधान महासचिव अभय सिंह ने प्रेस वार्ता कर मीडिया को बताया कि बंधु पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता का आरोप है.
बंधु तिर्की 2019 के झारखंड विधानसभा चुनाव में झाविमो की टिकट पर मांडर से चुनाव जीते थे. झाविमो के भाजपा में विलय के संबंध में पार्टी लाइन के खिलाफ बोलने के कारण उन्हें नोटिस जारी किया गया था. सोमवार तक उन्होंने इस पर जवाब देने की बात भी कही थी. लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया. इसके बाद मंगलवार को उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया.
विलय का रास्ता हुआ साफ
झारखंड की राजनीति का थोड़ा-बहुत ज्ञान रखने वालों को पता है कि क्या होने वाला है. लेकिन रोज कुछ नया हो रहा है. बाबूलाल मरांडी ने अपनी छवि पर चढ़ी परत हटाने की कोशिश में है. बीजेपी में विलय के आड़े आ रहे पार्टी के दोनों विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को अपनी राजनीतिक समझ-बूझ से किनारा कर रहे हैं.
बंधु तिर्की को पार्टी से निकालने के फैसले के बाद जेवीएम को अब बीजेपी में शामिल होने में ज्यादा परेशानी नहीं आने वाली. नियम के मुताबिक, पार्टी के दो तिहाई विधान दल के सदस्य का विलय दूसरी पार्टी में होना चाहिए. बंधु तिर्की को पार्टी से निकाल कर बाबूलाल ने इस गुत्थी को सुलझा लिया है.
अब अगर बाबूलाल पार्टी का विलय करते हैं और प्रदीप यादव विरोध करते हैं, तो प्रदीप को खुद ही पार्टी छोड़नी पड़ेगी. वो चाह कर भी अब इस विलय को नहीं रोक सकते.
क्या कहा बंधु तिर्की ने
अभी अभी मुझे जानकारी मिली है पार्टी को स्पष्टीकरण ना देने के कारण मुझे पार्टी से निकाल दिया गया है. लेकिन मैं आप लोगों के माध्यम से बताना चाहता हूं मेरे प्रतिनिधि स्पष्टीकरण पत्र लेकर ऑफिस का चक्कर काटते रह गये. किसी ने रिसीव नहीं किया- बंधु तिर्की