
New Delhi: यूरोपियन यूनियन (EU) के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल कश्मीर दौरे पर है. इस यात्रा के बारे में यह दावा किया जा रहा है कि यूरोपीय संसद के सदस्य ‘निजी’ यात्रा पर हैं. यूरोपीय संसद की यह यात्रा आधिकारिक यात्रा नहीं है.
इस यात्रा को लेकर पहले ही विपक्ष के नेता निशाना साध चुके हैं. उन्होंने इस यात्रा का विरोध जताया था कि जब यूरोपियन सांसदों को कश्मीर दौरे की अनुमति मिल सकती है तो फिर उन्हें क्यों नहीं.
कौन है मिस्ट्री वुमन जिसके NGO ने स्पॉन्सर किया ट्रीप


अब इस मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. यूरोपियन यूनियन के सांसदों के कश्मीर दौरे को लेकर एक मिस्ट्री वुमन का नाम सामने आया है. इस महिला ने ही ईयू सांसदों को ईमेल कर दौरे के लिए आमंत्रित किया था.




मिस्ट्री वुमन का नाम मादी शर्मा बताया जा रहा है. यह महिला ब्रिटिश-भारतीय व्यवसायी है और मादी ग्रुप की हेड है. बताया जा रहा है कि मादी ग्रुप कई अंतरराष्ट्रीय प्राइवेट सेक्टर और एनजीओ का एक नेटवर्क है.
यूरोपीय संसद के सदस्यों की कश्मीर यात्रा को विमिंज इकनॉमिक ऐंड सोशल थिंक टैंक ‘WESTT’ एनजीओ ने स्पॉन्सर किया है. मादी शर्मा इस एनजीओ को संचालित करती हैं.
‘WESTT’ एनजीओ महिलाओं के आर्थिक, पर्यावरण और सामाजिक विकास के लिए काम करती है. राजनीतिक स्तर पर ये एनजीओ अहम मुद्दों पर जागरूकता अभियान चलाती है. साथ ही इससे कोई व्यावसायिक फायदा नहीं उठाती है.
उल्लेखनीय है कि सोशल मीडिया पर मादी शर्मा के नाम से यूरोपीय सांसदों को कश्मीरी दौरे पर बुलाने के लिए भेजा गया एक लेटर भी वायरल हो रहा है. जिसमें पीएम मोदी से मिलाने की बात कही गयी थी. हालांकि न्यूजविंग इस लेटर की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है.
The invitation to the European MP’s was sent out by someone called Madi Sharma. She promised a ‘prestigious VIP meeting’ with India’s Prime Minister, in addition to the Kashmir trip. (Screenshot of her mail exchange with MEP Chris Davies, released by his office) @OnReality_Check pic.twitter.com/6giTXCCjaq
— Sreenivasan Jain (@SreenivasanJain) October 29, 2019
लेटर में प्रतिनिधिमंडल के तीन दिन (28, 29, 30 अक्टूबर) की पूरी यात्रा का ब्योरा बताया गया है. ये लेटर सात अक्टूबर को भेजा गया है.
इस लेटर के वायरल होने के बाद से कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं. सवाल यह है कि अगर यह दौरा निजी था तो फिर सांसदों को पीएम मोदी से क्यों मिलवाया गया. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार उन्हें क्यों जानकारी दे रहे हैं. और घाटी में उनके लिए सरकारी इंतजाम क्यों किये गये?
PM मोदी से खास मुलाकात कराने का किया था वादा
गौरतलब है कि यूरोपीय सांसदों को भेजे आमंत्रण में मादी ने उन्हें पीएम मोदी के साथ खास मुलाकात कराने और कश्मीर ले जाने का वादा किया था. ईयू सांसदों की टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस. जयशंकर से नई दिल्ली में मुलाकात की.
पीएम मोदी और डोभाल के साथ इस मुलाकात में यूरोपीय सांसदों ने कश्मीर मुद्दे और 370 खत्म किये जाने के बाद बनी वहां की स्थिति पर चर्चा की. खबर है कि पीएम मोदी और NSA अजित डोभाल से चर्चा कर EU का प्रतिनिधिमंडल संतुष्ट दिखा. जान लें कि यूरोपियन यूनियन (EU) में कुल 28 देश हैं, इन्हीं देशों के सदस्यों को मिलाकर एक संसद बनायी गयी जो कि यूरोपियन संसद हैं.
इसके बाद वे मंगलवार को श्रीनगर में 15वीं कोर के कमांडर से भी सांसदों ने मुलाकात की. नई दिल्ली में डोभाल ने लंच आयोजित किया था. इस दौरान कश्मीर के कुछ लोगों से भी उनकी मुलाकात करायी गयी थी. ऐसे ही श्रीनगर में भी उनकी कुछ स्थानीय लोगों से मुलाकात हुई.