
Ranchi : दिल्ली में आम आदमी पार्टी की जीत का जश्न राजधानी में भी देखा गया. पिछले 23 दिनों से कडरू हज हाउस के पास सीएए औऱ एनआरसी के विरोध में धरना पर बैठी महिलाओं ने दिल्ली में जनता के फैसले का स्वागत किया. महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर सीएए, एनआरसी और एनपीआर का विरोध कर रही हैं.
महिलाओं की खुशी का आलम यह रहा कि अरविंद केजरीवाल के नाम पर महिलाएं फूल और गुलदस्ता हाथ में लिये धरना में शामिल हुई. दिल्ली में भाजपा को मिली मात को महिलाओं ने स्वच्छ भारत मिशन का नाम दिया. महिलाओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि धार्मिकता के आधार पर देश को नहीं बांटा जा सकता.
अभी भी केंद्र सरकार नहीं संभलती तो आने वाला चुनाव में जनता इसी तरह अपना फैसला सुनायेगी. पढ़िये कडरू हज हाउस के पास धरना में बैठी महिलाओं ने क्या कहा:
भगवान के नाम पर गुडांगर्दी कर रहे
गजाला नाम की महिला जो पिछले 23 दिनों से धरना में बैठी है, ने कहा कि वास्तव में स्वच्छ भारत मिशन की शुरूआत अभी हुई है. इन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर आरएसएस और भाजपा के लोग गुंडागर्दी कर रहे हैं. और नाम भगवान का ले लेते हैं. दिल्ली में इसका का परिणाम निकला.
जनता को काम चाहिये न कि उल्टे पलटे कानून. यही तो सफाई है कि केसरिया रंग कहां से कहां चला गया. हिंदुस्तान में हर तरह के लोग हैं. नास्तिक-आस्तिक सभी हैं. किसी पर धर्म विशेष के लिए दबाव नहीं बनाया जा सकता.
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केंद्र सरकार देखे शाहीन बाग को
यास्मिन लाल ने कहा कि शाहीन बाग में महिलाओं के हो रहे प्रदर्शन और आम आदमी पार्टी की जीत को अलग-अलग परिपेक्ष्य में देखना चाहिये. महिलाओं को प्रदर्शन में बैठने के लिए अरविंद केजरीवाल ने प्रोत्साहित नहीं किया. महिलाएं केंद्र सरकार का विरोध कर रही हैं. हां, ये अलग बात है कि अरविंद केजरीवाल लगातार इसका विरोध कर रहे हैं.
ऐसे में स्पष्ट है दिल्ली की जनता ने अरविंद सरकार के काम को तरजीह दी. लोगों को पानी, बिजली, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं चाहिये. धार्मिकता नहीं. भाजपा और आरएसएस ने धर्म की दुर्दशा निकाल कर रख दी है. धर्म कभी भी भेदभाव करना नहीं सिखाता. दिल्ली की जनता ने जवाब तो दे दिया. अब केंद्र सरकार देखे शाहीन बाग को.
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सांप्रदायिकता फैलानवालों को मिला तमाचा
तसनीम रूबा मंगलवार को चुनावी नतीजों के बाद धरना में गुलदस्ता ले कर आयी. इस दौरान उन्होंने कहा कि ये फूल अरविंद केजरीवाल के लिए है. जिन्होंने जनहित में काम किया और दिल्ली की जनता ने दुबारा उन्हें चुना. पहले तो झारखंड में बीजेपी को तमाचा लगा और अब दिल्ली वालों ने भी यहीं किया.
तसनीम ने कहा कि मनोज तिवारी चुनाव के पहले कह रहे थे कि शाहीन बाग को चुनाव जीतने के बाद जालियांवाला बाग बना देंगे. मैं पूछना चाहती हूं मनोज तिवारी से कि अब कैसा लग रहा. आप फिल्मों में अच्छे लगते हैं. हर काम के लिये अलग-अलग लोग होते हैं.
आप करते भी राजनीति तो लोग स्वीकारते. लेकिन आपने तो जातिवादी और धमार्किता की बातें की. सभी धर्म जाति के लोग देश में बदलाव चाहते हैं. सरकार विकास करे तो सभी लोग उनके साथ हैं. लेकिन लोगों को बांटने का काम करें तो इसे लोग बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.
अब तो काला कानून वापस लें केंद्र सरकार
फरजाना नामक महिला ने कहा कि जनता काम देखती है. शिक्षा, बिजली पानी में केजरीवाल सरकार ने बेहतर काम किया. जिसे जनता ने सराहा. जनता को सुविधाएं और संसाधन चाहिये. मारपीट कलह नहीं. इससे तो देश में अशांति फैलेगी. फिर विकास कैसा.
संविधान को बचाने के लिए सरकार सीएए, एनआरसी, एनआरपी को वापस ले. अभी भी सरकार इस काला कानून को वापस नहीं लेती तो केंद्र सरकार का साथ जनता आगामी चुनाव में भी नहीं देगी. केंद्र सरकार पहले अपने एजेंडों को देखें. जिससे देश में बंटवारा न हो.
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