
Ranchi : शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो अगले माह रांची लौटेंगे. चेन्नई एमजीएम अस्पताल की ओर से उन्हें जाने की इजाजत दे दी गयी है. सूत्रों ने बताया कि जगरनाथ महतो अब फोन से अपने करीबियों से बात कर रहे हैं.
मंत्री जगरनाथ महतो का इलाज कर रहे चेन्नई के डॉ केआर बालाकृष्णन ने कहा है कि वे अब पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं. उन्होंने लिखित रूप से दिये गये अपने क्लीनिकल रिपोर्ट में लिखा है कि जगरनाथ महतो के फेफड़े का संक्रमण कोरोना वायरस की वजह से ही फैला था. कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण होनेवाले फाइब्रोसिस ने उनके फेफड़ों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया था.
इसके लिए उन्हें शुरुआत में जो दवाएं दी जा रही थीं, उनमें रेमडेसवीर और अन्य स्टेरॉयड दी जा रही थीं. धीरे-धीरे उनकी स्थिति खराब होती गयी और उनके आक्सीजन की क्षमता विशेष रूप से कम हो गयी थी. जिसके बाद उन्हें एयरलिफ्ट करा कर चेन्नई एमजीएम अस्पताल भेजा गया, जहां उन्हें नयी जिंदगी दी जा सकी.
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मंत्री को बचाना चुनौतिपूर्ण था : डॉक्टर
डॉ केआर बालकृष्णन ने कहा है कि यह एक चुनौतीपूर्ण मामला था, क्योंकि कोविड द्वारा खराब हुए फेफड़ों के लिए अभी तक बहुत अधिक प्रत्यारोपण नहीं किये गये हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि मंत्री की तबीयत देखते हुए त्वरित निर्णय लिया गया.
जिसमें अपने सामने उपलब्ध सभी विकल्पों को देखा व प्रत्यारोपण के साथ आगे बढ़ कर फेफड़े का प्रत्यारोपण करने का फैसला किया. डॉ बालाकृष्णन ने कहा कि मरीज में इसके अच्छे परिणाम भी दिखे.
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क्या कहते हैं विशेषज्ञ
इंस्टीट्यूट ऑफ हार्ट ट्रांस्प्लांट एंड मैकेनिकल सर्कुलर सपोर्ट के सह निदेशक डॉ सुरेश राव ने कहा कि जगरनाथ महतो की स्थिति स्थिर है. उनके ईसीएमओ लाईफ सपोर्ट को फेफड़े के प्रत्यारोपण के बाद हटा दिया गया है.
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