
Hyderabad : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू भी ईवीएम हैकिंग प्रकरण में कूद गये है. बता दें कि चंद्रबाबू नायडू ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम के 100 फीसदी तक हैक हो सकने का दावा किया है. उऩ्होंने शनिवार 26 जनवरी को चेतावनी दी कि हैकर्स के हाथों लोकतंत्र की कुर्बानी नहीं दी जा सकती. साथ ही मांग की है कि निर्वाचन आयोग यह सुनिश्चित करें कि वीवीपीएटी पर्चियां 100 फीसदी तक निकलें या पुरानी मतपत्र व्यवस्था की शुरुआत की जाये. जान लें कि 70वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य समारोह के बाद अमरावती में तेलुगु देशम पार्टी के सांसदों की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कोई भी तकनीक का दुरुपयोग कर सकता है. चंद्रबाबू नायडू ने कहा, तकनीक का दुरुपयोग करना आसान है. यह खासतौर से उस व्यक्ति के लिए आसान है जो सॉफ्टवेयर प्रोग्राम तैयार करता है. कहा कि निर्वाचन आयोग केवल रेफरी है. उसे ऐसी प्रणाली लागू नहीं करनी चाहिए जिस पर भरोसा ना हो. चंद्रबाबू ने कहा कि यहां तक कि विकसित देश भी ईवीएम का इस्तेमाल नहीं कर रहे और निर्वाचन आयोग को ऐसी प्रणाली का इस्तेमाल करने का दबाव नहीं बनाना चाहिए जिस पर भरोसा ना हो.

तेदेपा ने पूर्ण बजट लाने के केंद्र के कदम का विरोध किया

तेदेपा ने 2019-20 वित्त वर्ष के लिए पूर्ण बजट लाने के केंद्र के कदम का विरोध किया. बता दें कि कुछ दिनों पहले लंदन एक साइबर एक्सपर्ट ने दावा किया था कि ईवीएम की हैकिंग संभव है और उसे 100 फीसदी किया जा सकता है. इसके बाद कई राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग से ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग की थी. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी दो दिन पहले फिर से मतपत्र के जरिए मतदान की मांग की थी लेकिन चुनाव आयोग ने इसे खारिज कर दिया था. अब टीडीपी के मुखिया ने भी इसके खिलाफ आवाज उठाई है. आंध्र प्रदेश में इस साल लोकसभा के साथ-साथ विधान सभा चुनाव भी होने हैं. राज्य में टीडीपी के कांग्रेस से गठबंधन है. पिछले साल फरवरी में टीडीपी ने एनडीए से नाता तोड़ लिया था.
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