
- प्राइवेट हॉस्पिटल्स में बेड तो है, पर आसानी से भर्ती नहीं करते
- सरकार की ओर से तय दर पर नहीं करना चाहते हैं इलाज
Ranchi: प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कोरोना मरीजों को बेड नहीं मिल रहे हैं. ऐसा नहीं है कि इन हॉस्पिटल्स में बेड उपलब्ध नहीं है. बल्कि, इसकी वजह यह है कि सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर प्राइवेट हॉस्पिटल्स इलाज नहीं करना चाहते हैं.
हॉस्पिटल्स अपनी मर्जी के हिसाब से मरीजों से इलाज की कीमत वसूलना चाहते हैं. यही वजह है कि वे आम तौर पर अस्पताल में कोरोना इलाज के लिए बेड न होने का बहाना बनाते हैं. काफी मशक्कत और विनती के बाद बेड देते भी हैं तो कीमत अपनी मर्जी से वसूलते हैं.
कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सरकार ने दर निर्धारित कर दी है. 7 अक्टूबर से पहले प्राइवेट अस्पताल मरीजों से इलाज के लिए 18 हजार से अधिक नहीं वसूल सकते थे. पर गुरुवार के बाद से इसे घटाकर 12 हजार कर दिया गया है जिसके बाद संक्रमितों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए बड़ी पैरवी का इंतजाम करना होगा.
इसे भी पढ़ें – 26 नवंबर को लगेगी देश की पहली सर्विस लोक अदालत, झारखंड से होगी शुरुआत
कैपिंग दर निर्धारित होने से पहले बुला-बुलाकर दे रहे थे बेड
राज्य सरकार ने जबतक प्राइवेट हॉस्पिटल्स के लिए कैपिंग दर निर्धारित नहीं की थी तबतक मरीजों को आसानी से बेड मिल रहा था. मरीजों का पता चलने पर वे उन्हें खुद से बुलाकर बेड देते थे. कैपिंग दर निर्धारित होने के बाद अचानक से बेड फूल रहने लगे.
सरकार ने जो दर तय किया है वो एक दिन के इलाज की है. कई दवाओं और पीपीई किट ऑक्सीजन तक के दाम जुड़े हैं. उनकी कमाई के कई माध्यमों पर कैपिंग कर दी गयी. जिससे उनके मनमाने इलाज के दरों पर लगाम लग गया. इससे यह हुआ कि प्राइवेट हॉस्पिटल्स मरीजों को एडमिट लेने से मना करने लगे.
इसे भी पढ़ें – पंचायत सचिवों की नियुक्ति में हाइकोर्ट के आदेश से कोई बाधा नहीं, फिर भी JSSC नहीं जारी कर रहा मेरिट लिस्ट
संक्रमितों को अब भी दे रहे 42 हजार तक के इंजेक्शन
कैपिंग दरों में यह सुनिश्चित किया गया था कि किस चीज कि लिए कितने पैसे लिये जाने हैं. इसके अलावा यह भी लिखा गया था कि अन्य जरुरी दवाओं के लिए प्राइवेट अस्पताल अलग से चार्ज कर सकेंगे.
इस टर्म की उपयोगिता को समझते हुए प्राइवेट अस्पताल गंभीर रूप से संक्रमित और मध्यम लक्षण वाले मरीजों को भी 42 हजार तक के इंजेक्शन लगा दे रहे हैं. इस इंजेक्शन के दो से तीन डोज को कंप्लसरी बताया जाता है. रिम्स के एक डॉक्टर ने बताया कि रिम्स में तो इतनी कीमत की इंजेक्शन नहीं दी जा रही.
इसे भी पढ़ें – बिहार : लालू प्रसाद की जमानत याचिका पर सुनवाई शुक्रवार को झारखंड हाईकोर्ट में, राजद को है आस
2 Comments