
Ranchi: राज्य सरकार ने अब तक ब्यूटी पार्लर खोलने की अनुमति नहीं दी है. जहां हर कारोबार अनलाॅक वन से खुलने लगे हैं, वहीं ब्यूटी पार्लर अब तक नहीं खुले हैं. केंद्र सरकार ने हालांकि इस संबध में गाइडलाइन पहले ही जारी कर दिया है. जिसके बाद कई राज्यों में पार्लर खोले भी जा रहे हैं.
लेकिन झारखंड में पार्लर खोने की इजाजत नहीं दी गयी है. ऐसे में छह महीनों से लगातार पार्लर बंद हैं, जिसकी वजह से इसके संचालकों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गयी है. कुछ पार्लर संचालकों से बात करने से जानकारी हुई कि इस बिजनेस में उत्पादों के खराब होने की संभावना अधिक है. छह महीने के बंद में कमायी का घाटा तो हुआ, लेकिन उत्पादों का नुकसान भी हुआ.
जिले में छोटे-बड़े मिलकर लगभग 700 पार्लर हैं. आम तौर पर ब्यूटी उत्पादों को तीन से छह महीने से अधिक स्टाॅक कर नहीं रखा जा सकता है. जिसकी वजह से ये सभी प्रोडक्ट एक्सपायर हो जा रहे हैं. पार्लर संचालकों को तो परेशानी हो ही रही है. उनके साथ जुड़े अलग-अलग कंपनियों के डिस्ट्रीब्यूर्टस को भी पार्लर बंद होने से नुकसान हो रहा है. गौरतलब है कि इन सारी परेशानों को लेकर पिछले दिनों पार्लर संचालकों की ओर से प्रदर्शन किया गया था. जिसमें पार्लर खोलने की अनुमति मांगी गयी थी.
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एक महीने में एक पाॅर्लर को 25 हजार तक का नुकसान
सिर्फ ब्यूटी उत्पादों के नुकसान की मानें तो एक पार्लर को एक महीने में 25 हजार तक का नुकसान हो रहा है. पार्लर मार्च महीने से बंद हैं. वहीं बड़े पार्लरों की महीने की कमायी डेढ़ से दो लाख होती है. जबकि छोटे पार्लर में एक लाख तक की कमायी होती है. पार्लरों के मेंटनेंस में खर्च भी अधिक है. ब्यूटी उपकरण से लेकर उत्पादों के मेंटनेंस में खर्च है.
लमानी ब्राइडल स्टूडियों एंड सलोन के क्राइस्ट कच्छप ने कहा कि मार्च के पहले तक हर महीने लगभग दो लाख की कमायी होती थी. लेकिन पिछले छह महीनों से सिर्फ नुकसान हो रहा है. सबसे अधिक नुकसान तो स्टाॅक के एक्सपायर होने की वजह से है.
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फिर से करनी होगी शुरुआत
क्राइस्ट से जानकारी मिली कि अब पाॅर्लर के कर्मचारी व्यक्तिगत काम करने लगे हैं. इस क्षेत्र में प्रतियोगिता अधिक है. वहीं पूरा पेमेंट करने की परेशानी भी है. ऐसे में लोग अपने आस पास व्यक्तिगत काम कर रहे हैं. पार्लर नहीं खुलने से लोगों को सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं. छोटे पार्लरों में बात करने से जानकारी हुई कि अधिकांश छोटे पार्लर बंदी के कागार पर हैं. घरों में जाकर सेवाएं देने के कारण कुछ हद तक पार्लर टीके हैं. लेकिन स्थिति बहुत खराब है. अब अगर पार्लर खुलते भी हैं तो इन्हें फिर से शुरू करना होगा. क्योंकि कर्मचारियों की कमी से लेकर पूंजी का आभाव है.
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घरों मे जाकर दे रहे सेवाएं
क्राइस्ट ने बताया कि लमानी सलोन की ओर से घरों में जाकर लोगों को सेवाएं दी जा रही है. ये नयी पहल की गयी है. ताकि कस्टमर दूसरे सलोन न जाएं. ऐसे में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाता है. एक ब्यूटीशियन को एक दिन में एक ही काम दिया जाता है. इसके बाद उसे एक दिन काम नहीं दिया जाता है. इस दौरान सुबह शाम तापमान जांचा जाता है. वहीं इस्तेमाल किये गये डिस्पोजेबल कीट को फेंक दिया जाता है. ताकि कस्टमर की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा जा सके.
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