
Ranchi: झारखंड के 88 एनजीओं के दफ्तरों पर शुक्रवार दोपहर 11 बजे से एक साथ सीआईडी का छापा पड़ा. इन सभी एनजीओ पर विदेश से चंदा लेने और उनकी जानकारी सरकार से छिपाने का आरोप है. सीआईडी सूत्रों की माने तो इन 88 एनजीओ ने सरकार के बार-बार के अल्टीमेटम के बावजूद विदेशी फंड के स्रोत की जानकारी नहीं दी थी.
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14 करोड़ रुपये और कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त


सीआइडी सूत्रों ने न्यूज विंग को बताया कि दोपहर 3 बजे तक 14 करोड़ रुपये और कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किये गये थे. समाचार लिखे जाने तक सीआइडी की छापेमारी जारी थी.



विदेशी फंड से जुड़ी जानकारी छिपा रहे थे एनजीओ
झारखंड पुलिस के अपराध जांच विभाग ने 2013 से तीन साल के भीतर में कुल 265 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त करने वाले 88 गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) को नोटिस दिया था. एनजीओ से पूछा गया था कि क्या वे प्रासंगिक कानून के तहत पंजीकृत है या नहीं, साथ ही उनके पदाधिकारियों का विवरण, विदेश सहित धन का स्रोत और बीते पांच साल के खर्च व आय का विवरण व अन्य जानकारियां मांगी गई हैं.
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कौन-कौन से एनजीओ पर पड़ा छापा ?
जिन एनजीओ में सीआइडी की छापेमारी हुई, उनमें बेथल मिशन, ब्रदर्स ऑफ सेंट गैब्रियल एजुकेशन सोसाइटी, कैपुचिन फ्रियर्स माइनर सोसाइटी, कैथोलिक हेल्थ एसोसिएशन, डाउटर्स ऑफ सेंट अनेरंची, डॉन बास्को टेक्निकल स्कूल आदि शामिल थे.
2014 से 2016 के बीच झारखंड से 265 करोड़ रुपये बरामद
विदेश मंत्रालय को सूचना मिली थी कि देश में कुछ एनडीओ विदेशों से फंड प्राप्त कर रहे हैं जो संदिग्ध है. इसके बाद 2014 में राज्य सरकारों को केन्द्र की ओर से निर्देश दिये गये. उधर केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने भी FCRA के तहत विदेशी चंदा हासिल करने वाले एनजीओ को विदेशी फंड के स्रोतों पर जानकारी मांगी थी. सूत्रों के मुताबिक, ‘मंत्रालय को विदेश से धन प्राप्त करने वाले इन एनजीओ के खिलाफ एक शिकायत मिली है. इन एनजीओ ने कथित तौर पर वार्षिक आयकर दाखिल नहीं किया और इन्होंने अपने आय व खर्च के स्रोत को छिपाया.’
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अगर झारखंड की बात करें तो इन एनजीओ ने 265 करोड़ रुपये की राशि 2013 से 2016 के बीच प्राप्त की है, जिसके बाद विशेष (खुफिया) शाखा ने 2016 में आशंका जाहिर की थी कि विदेशी धन का दुरूपयोग राज्य में धर्म परिवर्तन के लिए किया जा रहा है.
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