Hazaribagh: 29 जून 2017 को रामगढ़ में तथाकथित गोरक्षकों ने मीट व्यापारी अलीमुद्दीन अंसारी की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. अलीमुद्दीन अपनी वैन से मांस लेकर आ रहा था. आरोपियों को शक था कि वैन में बीफ है, जिसके बाद कुछ लोगों ने उसे पकड़ लिया था. उन लोगों ने पहले उसकी गाड़ी को आग लगाई और फिर अलीमुद्दीन को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में 11 आरोपी ‘गो-रक्षकों’ को स्थानीय कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी. लेकिन 30 जून को झारखंड हाईकोर्ट से इनमें से आठ दोषियों को बेल मिल गयी. जिनकी रिहाई बुधवार को हुई. बड़ी बात ये है कि मॉब लिंचिंग के इन दोषियों के जेल से बाहर आने पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री और भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने माला पहनाकर इनका स्वागत किया. साथ ही लड्डू खिलाकर रिहाई की बधाई दी.
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गौरतलब है कि मार्च 2018 में स्थानीय अदालत ने मॉब लिंचिंग के 11 आरोपी ‘गो-रक्षकों’ को दोषी करार दिया था और इन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी. लेकिन 30 जून 2018 को इनमें से 8 दोषियों को झारखंड हाईकोर्ट से बेल मिल गयी. एक अंग्रेजी अखबार की खबर के अनुसार बुधवार को जब ये आरोपी हजारीबाग की जय प्रकाश नारायण सेंट्रल जेल से बाहर निकले तो इनका स्वागत करने केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा पहुंचे. इन आठ अभियुक्तों में एक स्थानीय भाजपा नेता नित्यानंद महतो भी शामिल थे, जिन्हें जयंत सिन्हा ने फूलमालाएं और मिठाई दीं, साथ ही ऊपरी अदालत में उनका केस लड़ने का भी आश्वासन दिया. उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा हजारीबाग से सांसद हैं.
निकालेंगे विजय जूलूस
गोरक्षा के नाम पर हत्या के अभियुक्तों की रिहाई पर पूर्व विधायक शंकर चौधरी ने बीजेपी कार्यलय पर ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की और जमानत मिलने पर खुशी का इजहार किया. उन्होंने कहा, वो कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं. इससे पहले 30 जून को इन कथित ‘गोरक्षकों’ को ज़मानत मिलने पर भाजपा के पूर्व विधायक शंकर लाल चौधरी ने खुशी जताते हुए अभियुक्तों के परिजनों को मिठाई बांटी थी. साथ ही अभियुक्तों की जमानत मिल जाने के बाद शहर में विजय जुलूस निकाले जाने की बात कही थी.
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बता दें कि स्थानीय कोर्ट द्वारा मॉब लिंचिंग के अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाने के बाद स्थानीय भाजपा नेता खुलकर इन लोगों के समर्थन में सामने आये थे और पार्टी के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया था. इस दौरान जयंत सिन्हा से भी ये लोग खासे नाराज थे. पार्टी से नाराज इन नेताओं का कहना था कि अलीमुद्दीन अंसारी हत्याकांड की जांच सीबीआई या एनएआई से कराई जाए क्योंकि पुलिस की पूरी कार्रवाई एकतरफा है. वही अब मॉब लिंचिंग के अभियुक्तों का इस तरह से स्वागत करना और मिठाई बांटने को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है.
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