
New Delhi: देश और दुनिया आज कोरोना वायरस की चपेट में है. हर जगह इस वायरस के ही चर्चे हैं. लेकिन इस वैश्विक महामारी से पहले भारत में एक मुद्दा बहुत गरम था और वो था नागरिकता संशोधन कानून.
देशभर में इस कानून का विरोध बड़े पैमाने पर हुआ. फिर चाहे वो दिल्ली का शाहीनबाग का प्रदर्शन हो या देश के विभिन्न यूनिवर्सिटी में छात्रों ने विरोध दर्ज कराया हो.


जाहिर है, विरोध-प्रदर्शन करने वाले लोगों की बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां भी हुईं. उन्हीं गिरफ्तार लोगों में से एक है, जामिया की स्कॉलर सफूरा जरगर. 27 वर्षीय जरगर जामिया मिलिया इस्लामिया में एमफिल की छात्रा है औऱ तीन महीने की गर्भवती हैं, जो फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.


सफूरा जरगर को यूएपीए के तहत 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया. और अब उनकी प्रेग्नेंसी को लेकर सोशल मीडिया में तरह-तरह की बातें हो रही हैं. उन्हें सोशल प्लेटफॉर्म पर बदनाम किया जा रहा है. उनकी शादी-प्रेग्नेंसी को लेकर हो रही भद्दी-भद्दी बातों से परिजन परेशान हैं. लेकिन उनके पति को न्याय व्यवस्था पर पूरा यकीन है.
सोशल मीडिया पर किया जा रहा बदनाम
कहने को तो हमारे देश में नारी को देवी का दर्जा दिया गया है. लेकिन गर्भवती को इस तरह से सोशल मीडिया पर बदनाम करना, हमारे तथाकथित सभ्य समाज का क्रुर चहेरा सामने लाता है.
Revel father name of kudrati baccha . #SafooraZargar pic.twitter.com/DRq9QwIwPD
— Nation First #TJKMKB (@justanintrovrt) May 5, 2020
किसी भी महिला के लिए शादी, बच्चे उसका निजी मसला है, लेकिन सोशल मीडिया पर ना सिर्फ इस निजता का हनन हो रहा है, बल्कि एक स्कॉलर का चरित्र हनन किया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर जामिया की छात्रा को लेकर तरह-तरह की बातें तब शुरू हुई, जब 3 मई को दिल्ली बीजेपी के नेता कपिल मिश्रा ने सफूर जरगर की प्रेग्नेंसी को लेकर ट्वीट किया. उसके बाद सिर्फ छात्रा ही नहीं बल्कि उसके अजन्मे बच्चे को लेकर भी भद्दी-भद्दी बातें की जा रही है.
Please don’t connect her pregnancy with my speech
It doesn’t work that way https://t.co/WtKokksIqR
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) May 3, 2020
सीएए के खिलाफ शाहीनबाग धरने को लेकर पहले भी कई तरह की बातें उठ चुकी हैं, जैसे पैसे लेकर वहां महिलाएं धरने पर बैठती हैं, फंडिंग को लेकर भी सवाल उठे थे. अब सफूरा जरगर की प्रेग्नेंसी को इस धरना-प्रदर्शन से भी जोड़ा जा रहा है.
We don’t respect bitches like #SafooraZargar pic.twitter.com/q4WUqhupo3
— Antonia Maino (@whoantoniamaino) May 5, 2020
जिसे लेकर सोशल मीडिया पर ही बहुत सारे लोग विरोध कर रहे हैं. ट्विटर पर हार्टलेस हिंदुत्व का चेहरा, संघी विचारधारा से लेकर कई तरह की बातें इस पूरे वाकये के विरोध में हो रही है.
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10 अप्रैल को किया गया था गिरफ्तार
जामिया की छात्रा जरगर को 10 अप्रैल को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया था. बाद में 21 अप्रैल को कड़े गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम (यूएपीए) के तहत उसे आरोपी बनाया गया.
बता दें कि सफूर जामिया कोऑडिनेशन कमिटी (JCC) से जुड़ी हुई थी, और दिसंबर और जनवरी में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा आयोजित नागरिकता संशोधन अधिनियम विरोध-प्रदर्शन में शामिल थी. उसे फरवरी में जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर कथित रूप से सीएए के विरोध का नेतृत्व करने के लिए गिरफ्तार किया गया था.
सफूरा जरगर गर्भवती है और उसे जमानत नहीं मिलने का लोगों ने, यहां तक की एमनेस्टी इंटरनेशनल ने भी इसकी निंदा की है.
हमारे पास है पर्याप्त सबूत- दिल्ली पुलिस
जामिया की छात्रा की गिरफ्तारी और उसे इस तरह से बदनाम करने के बाद जहां कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. वहीं द प्रिंट की खबर के मुताबिक, दिल्ली पुलिस का दावा है कि ये गिरफ्तारी मनमानी नहीं है. एमफिल की छात्रा जरगर के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत है. आगे न्यायालय में जो भी फैसला हो. फिलहाल उसे तिहाड़ जेल में रखा गया है.
वहीं तिहाड़ जेल के अधिकारी का कहना है कि जरगर को उचित चिकित्सा सहायता दी जा रही है. छात्रा को एकान्त कारावास में रखे जाने की बात से इनकार करते हुए जेल प्रबंधन का कहना है कि “नए कैदियों को अलग-थलग रखा जा रहा है. जैसे, वह एक ही सेल में है. यह एकान्त कारावास नहीं है.
तिहाड़ में तैनात एक अधिकारी ने कहा कि उसे अपने परिवार से भी फोन पर बात करने की अनुमति दी गई है.
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