
Pravin Kumar
Ranchi : टुंडी विधानसभा बीजेपी के लिए दूर की कौड़ी बनी रही है. इसके बावजूद मोदी मैजिक के भरोसे 2019 के विधानसभा चुनाव पार लगाने की उम्मीद से हेवीवेट उम्मीदवार अपनी दावेदारी पार्टी के केंद्रीय नेताओं के समक्ष पेश करने लगे हैं.
आजसू से सीटिग विधायक होने के बावजूद भाजपा से टिकट की चाह रखने वालों की फेहरिस्त लम्बी होते जा रही है. वहीं टिकट की चाह में दावेदार केन्द्रीय नेताओं की परिक्रमा भी लगाने लगे हैं.
टुंडी विधानसभा भाजपा के लिए ‘अंगूर खट्टे हैं’ की कहावत को भी चरितार्थ करता है. इस सीट पर भाजपा ने कभी भी जीत का स्वाद नहीं चखा. 2005 और 2009 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को तीसरे नम्बर पर रह कर ही संतोष करना पड़ा जबकि 2014 में एनडीए के घटक दल आजसू ने इस सीट पर अपनी विजय पताका फहरायी.
मंच, मोर्चा के नेता भी दावेदार
बीजेपी से टिकट की चाह रखने वाले दावेदारों को मोदी मैजिक का भरोसा है. सभी अपनी-अपनी पहुंच और लॉबी के बल पर टिकट की होड़ में शमिल हो गये है. भाजपा के सहमना संगठनो, मंच और मोर्चों के नेता भी टिकट की दावेदार पेश कर दी है.
इसे भी पढ़ें : #JPSC की कार्यशैली पर लगातार प्रतिक्रिया दे रहे हैं छात्र, पढ़ें-क्या कहा छात्रों ने…. (छात्रों की प्रतिक्रिया का अपडेट हर घंटे)
सबसे पहला नाम डॉ विकास पाण्डेय का है. यह पूर्व सांसद रविन्द्र पाण्डे के छोटे पुत्र हैं. हाल के दिनों में टुंडी में अपनी सक्रियता तेज कर दी है. राजनीतिक रसूख और आर्थिक रूप से सक्षम व्यक्ति के तौर पर क्षेत्र में जाने जाते हैं.
रायमुनी देवी : रविंद्र पांडे के करीबी रही रायमुनी देवी टुंडी विधानसभा से चुनाव लड़ने की इच्छा पार्टी में व्यक्त कर चुकी हैं. अगर भाजपा इस सीट से चुनाव लड़ती है तो इन्हें टिकट का प्रबल दावेदार भी माना जा रहा है.
टुंडी के नक्सली इलाके में रायमुनी देवी की अच्छी पकड़ है. इनके पिता छातिलाल मरांडी झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के करीबी रहे हैं. रायमुनी देवी दो बार निर्विरोध जिला परिषद का का चुनाव भी जीत चुकी हैं.
अजय कुमार सिंह : भाजपा से निष्ठावान कार्यकर्ता माने जाते हैं. साथ ही पूर्व सांसद रविद्र पांडे के प्रतिनिधि के तौर पर विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं. सूचना के मुताबिक भाजपा के केंद्रीय नेता के दूर के रिश्तेदार कहे जाते हैं. अपनी पैरवी के दम पर टिकट पाने की आस में है.
शरत दुदानी : पेशे से व्यवसायी हैं. भाजपा से टिकट के लिए केंद्रीय नेताओं के समक्ष लॉबिंग भी कर रहे हैं. आर्थिक रूप से मजबूत माने जाने वाले शरत दुदानी ने टुंडी विधानसभा में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.
दीपनारायण सिंह : भाजपा के किसाना मोर्चा से जुड़े हैं. संगठन की गतिविधियो में इनकी सक्रियता देखी जाती है. राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की परिक्रमा के दम पर टिकट की उम्मीद लगये हुए हैं.
सूरज सोनी : युवा नेता के रूप में विधार्थी परिषद् से जुड़े सूरज सोनी को भी मजबूत दावेदार माना जा रहा है. भाजपा युवा मोर्चा के राजनीति करने वाले सूरज क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे हैं.
मोतीलाल मुर्मू : टुंडी विधानसभा से टिकट की दावेदारी करने वाले में आरएसएस से जुड़े मोतीलाल मुर्मू भी हैं. मोतीलाल मुर्मू संताल परगना में आरएसएस के प्रचार रह चुके और वर्तमान में वनवासी कल्यान केन्द्र के पदाधिकारी बताये जाते हैं. आरएसएस में पैठ की वजह से इनकी दावेदारी भी मजबूत मानी जाती है.
राजीव रंजन उर्फ गुड्डू घोष : सिंदरी विधायक के करीबी माने जाते है और टुंडी से भाजपा की टिकट की चाह रख रहे है. वहीं गोपाल पांडे, महादेव कुंभकार, डीपी लाला, मोहन कुंभकार, सुरेश महतो, नमाय सिंह, संजीव मिश्रा , रामप्रसाद महतो टिकट की आस में लॉबिंग कर रहे हैं.
इसे भी पढ़ें : धनबाद : PMCH में शव को पोस्टमॉर्टम हाउस ले जाने के लिए नहीं मिला वाहन, स्ट्रेचर पर ले गयीं बेटियां
धनबाद जिले का पिछड़ा क्षेत्र माना जाता है टुंडी विधानसभा
धनबाद जिले में पड़ने वाला टुंडी विधानसभा जिले के पिछड़े क्षेत्र में शुमार किया जाता है. यह क्षेत्र अभी भी आधुनिकता से अछूता है. इलाके में ग्रामीण आदिवासी परिवेश की झलक देखने को मिलती है. आज भी टुंडीवासी जंगली हाथियों के कहर से परेशान हैं. किसानों के खेतो मे लगी धान की फसल उत्पाती हाथिंयो के कारण किसानों को परेशनी उठानी पड़ती है.
भाजपा कभी भी जीत दर्ज नहीं कर सकी टुंडी से
झारखंड बनने के पूर्व 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में इस सीट से सबा अहमद आरजेडी के टिकट से चुनाव जीते जिन्हें 25079 वोट मिले. दूसरे स्थान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के मथुरा प्रसाद महतो रहे उन्हें 24995 वोट और तीसरे स्थान पर कांग्रेस उम्मीदवार उपेंद्र कुमार रहे जिन्हें 23968 वोट मिले.
2005 में आरजेडी से झामुमो ने छीनी सीट
2005 में हुए चुनाव में आरजेडी से झारखंड मुक्ति मोर्चा ने सीट छीन ली. मथुरा प्रसाद महतो 52112 वोट लाकर चुनाव जीते. सबा अहमद दूसरे स्थान पर रहे. सबा अहमद को मात्र 26175 वोट मिले. वहीं भाजपा के सुभाष चटर्जी तीसरे स्थान पर रहे. उन्हें मात्र 21501 वोट मिला.
2009 में झामुमो ने अपनी जीत कायम रखी
2009 में हुए विधानसभा चुनाव में मथुरा महतो ने अपनी झारखंड मुक्ति मोर्चा बरकरार रखी .मथुरा महतो को 40787 वोट मिले. इस चुनाव में भी सबा अहमद को दूसरे स्थान से ही संतोष करना पड़ा. सबा झारखंड विकास मोर्चा के टिकट से लड़े और उन्हें 39869 वोट मिले. तीसरे स्थान पर भाजपा के प्रदीप कुमार अग्रवाल रहे. उन्हें मात्र 23199 वोट मिले.
2014 में आजसू को मिली सीट
एनडीए के घटक दल आजसू के खाते में टुंडी विधानसभा सीट गयी . राजकिशोर महतो काफी कम अंतर से आजसू के टिकट पर चुनाव जीते. उन्हें 55466 वोट मिले .जबकि दूसरे स्थान पर झारखंड मुक्ति मोर्चा के मथुरा महतो रहे. उन्हें 54306 वोट मिले. तीसरे स्थान पर झारखंड विकास मोर्चा के नेता सबा अहमद रहे. उन्हें 45229 वोट मिले.
इसे भी पढ़ें : #NewTrafficRule: झारखंड के डीजीपी का आदेश- कागजात की जांच करते समय पुलिस रहे सौम्य, खुद भी करे कानून का पालन