
NewDelhi : नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में पिछले दो महीने से जारी प्रदर्शन को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस केएम जोसेफ की बेंच शाहीन बाग मामले की सुनवाई कर रही है. जान लें कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी 64 दिन से धरने पर बैठे हैं.

उनका कहना है कि जब तक CAA वापस नहीं होगा, तब तक वो धरने से हटेंगे नहीं. कहा है कि जब तक NPR लागू न करने और NRC न लाने पर मोदी सरकार साफ भरोसा नहीं देती, तब तक धरने से नहीं हटेंगे. लेकिन सरकार पहले दिन से ही इस मामले में डटी हुई है.

लोकतंत्र हर किसी के लिए है
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि यह नहीं कहा जा रहा है कि लोगों को कानून के खिलाफ विरोध करने का कोई अधिकार नहीं है, लेकिन सवाल यह है कि विरोध करना कहां है? शीर्ष अदालत ने कहा,हमारी चिंता यह है कि अगर लोग सड़कों पर उतरने लगेंगे और विरोध प्रदर्शन करते हुए सड़क को अवरुद्ध कर देंगे, तो क्या होगा. एक संतुलन बना रहना चाहिए. सुनवाई के क्रम में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र हर किसी के लिए है. ऐसे में विरोध के नाम पर सड़क जाम नहीं कर सकते हैं. इस मसले पर अब अगले सोमवार, 24 फरवरी को सुनवाई होगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने एक वार्ताकार नियुक्त किया है
खबर है कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक वार्ताकार भी नियुक्त किया है. वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन वार्ताकार होंगे. वजहत हबीबुल्लाह, चंद्रशेखर आजाद वार्ताकारों की मदद करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हमारी चिंता सीमित है, अगर हर कोई सड़क पर उतरने लगेगा तो क्या होगा? सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को हलफनामा दायर करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने वकील संजय हेगड़े को शाहीन बाग प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए कहा है. इस दौरान संजय हेगड़े ने अपील करते हुए कहा कि रिटायर्ड जस्टिस कुरियन जोसेफ को उनके साथ भेज सकते हैं. संजय हेगड़े की ओर से सॉलिसिटर जनरल से पुलिस प्रोटेक्शन की अपील की गयी है.
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पिछले 64 दिन से प्रदर्शन जारी है
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पिछले 64 दिन से प्रदर्शन जारी है, लेकिन आप उन्हें हटा नहीं पाये. अब बातचीत से हल नहीं निकलता है तो हम अथॉरिटी को एक्शन के लिए खुली छूट देंगे. अदालत ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार से प्रदर्शनकारियों को हटाने के ऑप्शन पर चर्चा करने और उनसे बात करने को कहा है.
याचिका में अपील की गयी है कि अदालत इस रास्ते को तुरंत खोलने का आदेश दें. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि हम अधिकारों की रक्षा के लिए विरोध और आवाज उठाने के खिलाफ नहीं हैं.
हमें 5000 प्रदर्शनों से परेशानी नहीं हैं
सुप्रीम कोर्ट में चंद्रशेखर आजाद की ओर से पेश वकील ने कहा कि देश में इस तरह के पांच हजार प्रदर्शन होंगे. इसपर अदालत ने कहा कि हमें 5000 प्रदर्शनों से परेशानी नहीं हैं, लेकिन रास्ता बंद नहीं होना चाहिए. हमें बस सड़क के जाम होने से चिंता है.जान लें कि रविवार को शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिए पैदल मार्च निकालने के लिए जुटे थे, लेकिन लोगों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया.
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